ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण ने 19 दिसंबर 2013 को ओडिशा
पदों और सेवाओं का आरक्षण (सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग) अधिनियम,
2008 के अंतर्गत सरकारी नौकरियों में सामाजिक और शैक्षिक रूप से
पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का
प्रावधान रद्द कर दिया.
यह निर्णय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नित्यानंद प्रूस्ती और प्रशासनिक सदस्य एसएन दास के अधिकरण ने किया. अधिकरण ने ओडिशा सरकार और ओडिशा लोक सेवा आयोग को सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और एसईबीसी को आरक्षण के संबंध में 50 प्रतिशत की उच्चतम सीमा पार न करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया है.
ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण
ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण (ओ.ए.टी.) राज्य सरकार के कर्मचारियों की उनके सेवा संबंधी मामलों से संबंधित शिकायतों के तीव्र निपटान के लिए 1986 में गठित किया गया था.
भुवनेश्वर में प्रधान पीठ के अतिरिक्त ओ.ए.टी. की कटक में एक नियमित पीठ और संबलपुर तथा बहरामपुर में दो सर्किट पीठें कार्यरत हैं. अधिकरण मूल आवेदनों, अंतरित आवेदनों और विविध याचिकाओं को डील करता है.
यह निर्णय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नित्यानंद प्रूस्ती और प्रशासनिक सदस्य एसएन दास के अधिकरण ने किया. अधिकरण ने ओडिशा सरकार और ओडिशा लोक सेवा आयोग को सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और एसईबीसी को आरक्षण के संबंध में 50 प्रतिशत की उच्चतम सीमा पार न करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया है.
ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण
ओडिशा प्रशासनिक अधिकरण (ओ.ए.टी.) राज्य सरकार के कर्मचारियों की उनके सेवा संबंधी मामलों से संबंधित शिकायतों के तीव्र निपटान के लिए 1986 में गठित किया गया था.
भुवनेश्वर में प्रधान पीठ के अतिरिक्त ओ.ए.टी. की कटक में एक नियमित पीठ और संबलपुर तथा बहरामपुर में दो सर्किट पीठें कार्यरत हैं. अधिकरण मूल आवेदनों, अंतरित आवेदनों और विविध याचिकाओं को डील करता है.
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