भारत ने सतह से सतह पर मार
करने वाले बैलेस्टिक मिसाइल पृथ्वी द्वितीय का 3 दिसंबर 2013 को ओडिशा के बालासोर जिले के
चांदीपुर से सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण सेना के प्रशिक्षण अभ्यास का हिस्सा था.
यह परीक्षण सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर ओडिशा के बालेश्वर जिले में स्थित चांदीपुर के पास समुद्र में स्थित समन्वित परीक्षण रेंज (आईटीआर) के तीसरे प्रक्षेपण स्थल से किया गया. प्रक्षेपण गतिवधियों की पूरी निगरानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने की.
350 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता सहित परमाणु मुखास्त्र वाले इस प्रक्षेपास्त्र में लिक्विड प्रोपेल्ड सिस्टम है. इससे पहले इस प्रक्षेपास्त्र का 7 अक्टूबर 2013 को परीक्षण किया गया था.
मिसाइल पृथ्वी-2 की मुख्य विशेषताएं
• पृथ्वी-2 भारत के एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित की गई पहली मिसाइल है.
• यह मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम आयुध ले जाने में सक्षम है.
• यह तरल ईंधन वाले दो इंजनों से संचालित होती है.
• इसे सही पथ पर ले जाने के लिए एक उन्नत निर्देशित प्रणाली इसमें लगी है.
• इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर है.
• डीआरडीओ द्वारा विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल को पहले ही भरतीय सैन्य बलों में शामिल किया जा चुका है.
यह परीक्षण सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर ओडिशा के बालेश्वर जिले में स्थित चांदीपुर के पास समुद्र में स्थित समन्वित परीक्षण रेंज (आईटीआर) के तीसरे प्रक्षेपण स्थल से किया गया. प्रक्षेपण गतिवधियों की पूरी निगरानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने की.
350 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता सहित परमाणु मुखास्त्र वाले इस प्रक्षेपास्त्र में लिक्विड प्रोपेल्ड सिस्टम है. इससे पहले इस प्रक्षेपास्त्र का 7 अक्टूबर 2013 को परीक्षण किया गया था.
मिसाइल पृथ्वी-2 की मुख्य विशेषताएं
• पृथ्वी-2 भारत के एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित की गई पहली मिसाइल है.
• यह मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम आयुध ले जाने में सक्षम है.
• यह तरल ईंधन वाले दो इंजनों से संचालित होती है.
• इसे सही पथ पर ले जाने के लिए एक उन्नत निर्देशित प्रणाली इसमें लगी है.
• इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर है.
• डीआरडीओ द्वारा विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल को पहले ही भरतीय सैन्य बलों में शामिल किया जा चुका है.
Who: भारत
Where: चांदीपुर
What: बैलेस्टिक मिसाइल
पृथ्वी-II का सफल परीक्षण
When: 3 दिसंबर 2013
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