भारत और जापान की नौसेनाओं के
बीच भारत में पहला द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास (bilateral
naval exercise) ‘बंगाल की खाड़ी’ (Bay of Bengal) में आयोजित करने का निर्णय लिया गया. इसकी जानकारी नई दिल्ली में 17
दिसंबर 2013 को दी गई. द्विपक्षीय
नौसैनिक अभ्यास(bilateral naval exercise) 19 से 22
दिसंबर 2013 तक आयोजित किया जाना
है.
दोनों देशों के बीच यह दूसरा
और भारतीय समुद्री सीमा में पहला अभ्यास है. दोनों देशों के बीच पहला द्विपक्षीय
नौसैनिक अभ्यास जापान में जनवरी 2012 में
हुआ था.
इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाना है.
भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेश निर्मित फ्रिगेट युद्धपोत ‘आईएनएस-सतपुड़ा, निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस- रणविजय और युद्धक पोत आईएनएस कुठार करेंगे.
जापान मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस की ओर से इस द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास में दो युद्धक पोत ‘जे एस अरियाके’ और ‘जे एस सेतोगिरि’ हिस्सा लेंगे. चार दिनों के अभ्यास के दौरान समुद्री सुरक्षा के लिए दो दिन और बंदरगाह सुरक्षा के लिए दो दिन का अभ्यास होगा.
विदित हो कि रक्षा मंत्री एके एंटनी की जापान यात्रा के दौरान ही इस अभ्यास की सहमति बनी थी.
इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाना है.
भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेश निर्मित फ्रिगेट युद्धपोत ‘आईएनएस-सतपुड़ा, निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस- रणविजय और युद्धक पोत आईएनएस कुठार करेंगे.
जापान मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस की ओर से इस द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास में दो युद्धक पोत ‘जे एस अरियाके’ और ‘जे एस सेतोगिरि’ हिस्सा लेंगे. चार दिनों के अभ्यास के दौरान समुद्री सुरक्षा के लिए दो दिन और बंदरगाह सुरक्षा के लिए दो दिन का अभ्यास होगा.
विदित हो कि रक्षा मंत्री एके एंटनी की जापान यात्रा के दौरान ही इस अभ्यास की सहमति बनी थी.
Who: भारत और जापान की नौसेना
Where: बंगाल की खाड़ी
What: द्विपक्षीय
नौसैनिक अभ्यास करने का निर्णय
0 comments:
Post a Comment