निर्भया: एक आत्मचिंतन: डॉ. राजन वेकूकर
(सम्पादन)
मुंबई विश्वविद्यालय ने दिल्ली की 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बर्बर दुष्कर्म के एक वर्ष बाद निर्भया: एक आत्मचिंतन (Nirbhaya: Ek Atmachintan) नामक एक पुस्त्तक का 16 दिसंबर 2013 को विमोचन किया. यह पुस्तक महिलाओं के सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के साथ साथ उनकी सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर किए गे विचारों और सूचनाओं का एक संकलन है.
मुंबई विश्वविद्यालय ने दिल्ली की 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक बर्बर दुष्कर्म के एक वर्ष बाद निर्भया: एक आत्मचिंतन (Nirbhaya: Ek Atmachintan) नामक एक पुस्त्तक का 16 दिसंबर 2013 को विमोचन किया. यह पुस्तक महिलाओं के सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के साथ साथ उनकी सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर किए गे विचारों और सूचनाओं का एक संकलन है.
उल्लेखनीय
लेखकों और विचारकों इस पुस्तक के लिए योगदान दिया है. इस पुस्तक की प्रस्तावना
न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने लिखा है.
विदित हो कि 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात को सामूहिक बर्बर दुष्कर्म किया गया था. उसके बाद इलाज के दौरान सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में (Mount Elizabeth Hospital in Singapore) 29 दिसंबर 2012 को उसकी मृत्यु हो गई थी.
विदित हो कि 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात को सामूहिक बर्बर दुष्कर्म किया गया था. उसके बाद इलाज के दौरान सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में (Mount Elizabeth Hospital in Singapore) 29 दिसंबर 2012 को उसकी मृत्यु हो गई थी.
Who: मुंबई विश्वविद्यालय
Where: मुंबई
What: “निर्भया: एक आत्मचिंतन” नामक पुस्त्तक
का विमोचन
When: 16 दिसंबर 2013
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