रक्षा मंत्रालय ने लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 के प्राथमिक संचालन को मंजूरी प्रदान की-(22-DEC-2013) C.A

| Sunday, December 22, 2013
रक्षा मंत्रालय ने 20 दिसंबर 2013 को देश के प्रथम स्वदेश निर्मित सुपरसॉनिक जेट लड़ाकू विमान तेजस-मार्क-1 को भारतीय वायुसेना में प्राथमिक संचालन हेतु मंजूरी प्रदान की. तेजस विश्व का सबसे हल्का लड़ाकू विमान है. इस औपचारिक घोषणा के बाद वर्ष 2014 में 48 “तेजस-मार्क 1” विमान भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत हो रहे 77 मिग-21 विमानों का स्थान लेंगे. 

भारतीय वायुसेना तेजस का संस्करण मार्क-1 की दो स्क्वाड्रन एवं तेजस का उन्नत संस्करण मार्क-2 की चार स्क्वाड्रन तैयार करेगी. तमिलनाडु के सुलूर में तेजस की पहली स्क्वाड्रन 2015 से कार्य करेगी एवं अगले दो सालों में तैयार हो जाएगी. तेजस विमान को दिसंबर 2014 में अंतिम संचालन की मंजूरी मिलेगी. 

तेजस विमान के लिए डीआरडीओ द्वारा तैयार किया जा रहा कावेरी इंजन अभी नहीं बन पाया है.
वर्तमान स्वरूप में, तेजस के सभी संस्करण विदेशी इंजनों से उड़ रहे हैं. 
    
विदित हो कि वायुसेना ने इन 48 विमानों को लेने का आर्डर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन  को वर्ष 2005 में दिया. तेजस विमान को वायुसेना में वर्ष 2008 तक शामिल होना था. 

तेजस विमान की विशेषताए एवं संबंधित तथ्य

•    तेजस-मार्क 1 विमान को हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लि. (एचएएल) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है.
•    तेजस विमान को हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लि. (एचएएल) ने बनाया. इसने अपनी पहली उड़ान 4 जनवरी 2001 को भरी. तेजस को पहले हल्के लड़ाकू विमान के रूप में जाना जाता था. इसे तेजस नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने दिया था.
•    तेजस ने अभी तक 2400 टेस्ट फ्लाइट की हैं.  ये गन लेजर गाइडेड बम और रॉकेट भी फायर कर सकता है. तेजस विमान अमेरिकी इंजन द्वारा चालित है. इसके लिए स्वदेश निर्मित  कावेरी इंजन बनाया जा रहा है. 
•    यह दिन और रात, कभी भी उड़ान भर सकता है.
•    तेजस विमान की चाल 1920 किलोमीटर/घंटा है. इसकी परास क्षमता 850 किलोमीटर है. इसकी  लम्बाई 13 मीटर है. तेजस को आकर में डेल्टा विंग के त्रिकोणीय आकर जैसाबनाया गया है.
•    भारतीय वायुसेना के अलावा नौसेना के लिए भी तेजस का संस्करण तैयार किया जा रहा है. 

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