मानवरहित विमान द्वारा दर्जनों नागरिकों के मारे जाने के
बाद यमन संसद ने 15 दिसंबर 2013 को देश
में अमेरिकी ड्रोन विमानों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया. इस संबंध में यमन संसद द्वारा 15 दिसंबर 2013
को एक ड्रोन-विरोधी प्रस्ताव पारित किया गया. संसद ने किसी हवाई
हमले से मासूम नागरिकों की रक्षा किए जाने और यमन की प्रभुसत्ता सुरक्षित रखे जाने
पर भी बल दिया.
यमनी संसद द्वारा अमेरिकी ड्रोन विमानों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला 12 दिसंबर 2013 को अल-बयदा प्रांत में एक मानवरहित विमान द्वारा गलती से एक शादी के जुलूस से टकरा जाने के बाद आया, जिसमें 17 यमनी नागरिक मारे गए और 21 अन्य घायल हो गए. यह एक हफ्ते में हवाई हमले की दूसरी गलती थी. इससे पहले 9 दिसंबर 2013 को एक अमेरिकी ड्रोन ने पूर्वी प्रांत हदरामाउट में सड़क पर चल रहे कम से कम चार लोगों को मार दिया था.
यमनी संसद द्वारा अमेरिकी ड्रोन विमानों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला 12 दिसंबर 2013 को अल-बयदा प्रांत में एक मानवरहित विमान द्वारा गलती से एक शादी के जुलूस से टकरा जाने के बाद आया, जिसमें 17 यमनी नागरिक मारे गए और 21 अन्य घायल हो गए. यह एक हफ्ते में हवाई हमले की दूसरी गलती थी. इससे पहले 9 दिसंबर 2013 को एक अमेरिकी ड्रोन ने पूर्वी प्रांत हदरामाउट में सड़क पर चल रहे कम से कम चार लोगों को मार दिया था.
अमेरिका ने अरब प्रायद्वीप (एक्यूएपी) में अल कायदा के
खिलाफ अपने अभियान के एक अंग के रूप यमन में ड्रोन-हमले शुरू किए हैं. अलकायदा की
यमन-स्थित शाखा ने यमन में सरकारी संस्थानों, सेना और देश में
स्थित विदेशी मिशनों को लक्ष्य बनाते हुए श्रृंखलाबद्ध हमलों को अंजाम दिया है.
लेकिन, पिछले दो वर्षों में अमेरिकी ड्रोनों ने कई बार गलती
से नागरिक ठिकानों पर हमले कर चुके हैं. यमनी लोग इस वर्ष अनेक रैलियाँ आयोजित कर
देश में अमेरिकी ड्रोन हमले बंद करवाने की माँग कर चुके हैं.
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