अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद
(आईसीसी) ने वेस्टइंडीज के ऑफ स्पिनर शेन शिलिंगफोर्ड को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट
में गेंदबाजी करने से 16 दिसंबर 2013
को निलंबित कर दिया. वेस्टइंडीज तेज गेंदबाज मार्लन सैमुएल्स की
तेज गेंदें भी नियमों के अनुरूप नहीं पाई गईं.
आईसीसी ने एक बयान में कहा, 'एक स्वतंत्र बायोमैकेनिकल विश्लेषण में शेन
शिलिंगफोर्ड का गेंदबाजी एक्शन अवैधानिक पाया गया है और इस हालत में खिलाड़ी को
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी करने से निलंबित कर दिया गया है.' आकलन में उनकी दोनों ऑफ ब्रेक और 'दूसरा'
गेंद के गेंदबाजी एक्शन में कोहनी आईसीसी नियमों के अनुसार सीमा
से 15 डिग्री ज्यादा मुड़ी हुई है.
आईसीसी के अनुसार उन्हें तब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित कर दिया, जब तक वह दोबारा विश्लेषण नहीं करा लेते, जिससे पता चलेगा कि उन्होंने अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार किया है.
मार्लन सैमुअल्स के गेंदबाजी एक्शन के स्वतंत्र आकलन में उनकी ऑफ ब्रेक गेंद सही थी, लेकिन तेज गेंद में उनकी कोहनी 15 डिग्री अधिक मुड़ रही है, जो संदिग्ध मानी जाती है. सैमुअल्स को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑफ ब्रेक गेंद फेंकने की अनुमति है, लेकिन उन्हें तेज गेंदें फेंकने से रोक दिया गया है.
शिलिंगफोर्ड और मार्लन सैमुअल्स की गेंदबाजी को नवंबर 2013 में भारत के खिलाफ मुंबई टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के अंत में मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबोरो और नाइजेल लोंग, टीवी अंपायर विनीत कुलकर्णी और मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने रिपोर्ट किया था.
आईसीसी के नियम
आईसीसी के नियमानुसार अगर मार्लन सैमुअल्स को अगले दो साल (2014, 15) में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए दोबारा रिपोर्ट किया जाता है तो इस तरह की रिपोर्ट को दूसरी रिपोर्ट माना जाएगा. यदि दूसरी रिपोर्ट के स्वतंत्र बायोमैकेनिकल विश्लेषण के बाद मार्लन सैमुअल्स का गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध होता है, यह तेज गेंद के लिए हो या फिर किसी अन्य तरह की गेंद के लिए तो वह स्वत: ही कम से कम 12 महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित हो जाएंगे.
विदित हो कि इससे पहले भी दोनों गेंदबाजों शेन शिलिंगफोर्ड और मार्लन सैम्युअल्स पर अपने अवैध गेंदबाजी एक्शन को लेकर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. शेन शिलिंगफोर्ड पर नवंबर 2010 में प्रतिबंध लगा था और जून 2011 में उन्होंने वापस अपना खेल शुरू किया जबकि मार्लन सैम्युअल्स को फरवरी 2008 में अवैध गेंदबाजी के लिए प्रतिबंधित किया गया था और सितंबर 2011 में उन्होंने दोबारा अपनी गेंदबाजी शुरू की.
आईसीसी के अनुसार उन्हें तब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित कर दिया, जब तक वह दोबारा विश्लेषण नहीं करा लेते, जिससे पता चलेगा कि उन्होंने अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार किया है.
मार्लन सैमुअल्स के गेंदबाजी एक्शन के स्वतंत्र आकलन में उनकी ऑफ ब्रेक गेंद सही थी, लेकिन तेज गेंद में उनकी कोहनी 15 डिग्री अधिक मुड़ रही है, जो संदिग्ध मानी जाती है. सैमुअल्स को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑफ ब्रेक गेंद फेंकने की अनुमति है, लेकिन उन्हें तेज गेंदें फेंकने से रोक दिया गया है.
शिलिंगफोर्ड और मार्लन सैमुअल्स की गेंदबाजी को नवंबर 2013 में भारत के खिलाफ मुंबई टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के अंत में मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबोरो और नाइजेल लोंग, टीवी अंपायर विनीत कुलकर्णी और मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने रिपोर्ट किया था.
आईसीसी के नियम
आईसीसी के नियमानुसार अगर मार्लन सैमुअल्स को अगले दो साल (2014, 15) में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए दोबारा रिपोर्ट किया जाता है तो इस तरह की रिपोर्ट को दूसरी रिपोर्ट माना जाएगा. यदि दूसरी रिपोर्ट के स्वतंत्र बायोमैकेनिकल विश्लेषण के बाद मार्लन सैमुअल्स का गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध होता है, यह तेज गेंद के लिए हो या फिर किसी अन्य तरह की गेंद के लिए तो वह स्वत: ही कम से कम 12 महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित हो जाएंगे.
विदित हो कि इससे पहले भी दोनों गेंदबाजों शेन शिलिंगफोर्ड और मार्लन सैम्युअल्स पर अपने अवैध गेंदबाजी एक्शन को लेकर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. शेन शिलिंगफोर्ड पर नवंबर 2010 में प्रतिबंध लगा था और जून 2011 में उन्होंने वापस अपना खेल शुरू किया जबकि मार्लन सैम्युअल्स को फरवरी 2008 में अवैध गेंदबाजी के लिए प्रतिबंधित किया गया था और सितंबर 2011 में उन्होंने दोबारा अपनी गेंदबाजी शुरू की.
Who: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद
What: गेंदबाजी करने से निलंबित
When: 16 दिसंबर 2013
0 comments:
Post a Comment