भारत सरकार ने 25 दिसंबर,
2013 को महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय जांच एजेंसी के अभियोजन
निदेशालय को जांच एजेंसी के निदेशक के अधीन किया. इससे
पूर्व जांच एजेंसी की अभियोजन इकाई कानून मंत्रालय को सूचना देती थी. भारत सरकार
के इस फैसले के बाद सीबीआई अधिक स्वायत्त होगी.
अभियोजन निदेशालय से संबंधित तथ्य
• अभियोजन निदेशालय को अब एजेंसी के निदेशक के नेतृत्व के तहत रखा गया, अब निदेशक प्रमोशन एवं पोस्टिंग देखने के साथ-साथ वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भी लिखेंगे. विदित हो इससे पूर्व यह कार्य कानून मंत्री द्वारा किया जाता था.
• सीबीआई में अभियोजन निदेशालय अदालतों में मुकदमे, अपील और संशोधन लंबित मामलों के संचालन और पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी है.
• यह पर्यवेक्षण और मॉनिटर अदालतों में अभियोजन पक्ष के आचरण और सामान्य या विशिष्ट मुद्दों के सभी कानूनी मामलों को सीबीआई अधिकारियों को सलाह देता है.
अभियोजन इकाई के निदेशक सीबीआई के अभियोजन विंग के प्रमुख पदाधिकारी थे एवं अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के ऊपर दिशा और नियंत्रण की शक्तियों के साथ निहित किया गया था. अब इन शक्तियों को सीबीआई निदेशक को पारित कर दिया गया है.
लोकपाल विधेयक में अभियोजन निदेशालय से संबंधित तथ्य
• नई व्यवस्था के अंतर्गत जांच को अंतिम रूप से देखने एवं आरोप पत्र तैयार करने का फैसला सीबीआई निदेशक के पास होगा. इससे पूर्व अभियोजन निदेशालय जांच एजेंसी के फैसले को पलट देता था.
• हाल ही में संसद द्वारा पारित लोकपाल विधेयक में अभियोजन निदेशालय को सीबीआई निदेशक के अधीन रखा जाना चाहिए.
• लोकपाल विधेयक में अभियोजन निदेशक की नियुक्ति लोकपाल एवं मुख्य सतर्कता आयुक्त से विचार-विमर्श के बाद ही की जाएगी.
अभियोजन का एक नया निदेशालय (डीओपी), ओपी वर्मा के आधीन 24 दिसम्बर 2013 को एजेंसी में शामिल हो गया.
अभियोजन निदेशालय से संबंधित तथ्य
• अभियोजन निदेशालय को अब एजेंसी के निदेशक के नेतृत्व के तहत रखा गया, अब निदेशक प्रमोशन एवं पोस्टिंग देखने के साथ-साथ वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भी लिखेंगे. विदित हो इससे पूर्व यह कार्य कानून मंत्री द्वारा किया जाता था.
• सीबीआई में अभियोजन निदेशालय अदालतों में मुकदमे, अपील और संशोधन लंबित मामलों के संचालन और पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी है.
• यह पर्यवेक्षण और मॉनिटर अदालतों में अभियोजन पक्ष के आचरण और सामान्य या विशिष्ट मुद्दों के सभी कानूनी मामलों को सीबीआई अधिकारियों को सलाह देता है.
अभियोजन इकाई के निदेशक सीबीआई के अभियोजन विंग के प्रमुख पदाधिकारी थे एवं अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के ऊपर दिशा और नियंत्रण की शक्तियों के साथ निहित किया गया था. अब इन शक्तियों को सीबीआई निदेशक को पारित कर दिया गया है.
लोकपाल विधेयक में अभियोजन निदेशालय से संबंधित तथ्य
• नई व्यवस्था के अंतर्गत जांच को अंतिम रूप से देखने एवं आरोप पत्र तैयार करने का फैसला सीबीआई निदेशक के पास होगा. इससे पूर्व अभियोजन निदेशालय जांच एजेंसी के फैसले को पलट देता था.
• हाल ही में संसद द्वारा पारित लोकपाल विधेयक में अभियोजन निदेशालय को सीबीआई निदेशक के अधीन रखा जाना चाहिए.
• लोकपाल विधेयक में अभियोजन निदेशक की नियुक्ति लोकपाल एवं मुख्य सतर्कता आयुक्त से विचार-विमर्श के बाद ही की जाएगी.
अभियोजन का एक नया निदेशालय (डीओपी), ओपी वर्मा के आधीन 24 दिसम्बर 2013 को एजेंसी में शामिल हो गया.
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