मार्स रोवर के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया गया-(28-DEC-2013) C.A

| Saturday, December 28, 2013
नासा के इंजीनियरों ने 20 दिसंबर 2013 को नासा के मार्स रोवर क्यूरोसिटी के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया. नासा की टीम अब रोवर के पहियों की जांच करने की योजना बना रही है.
नासा की मंगल ग्रह विज्ञान प्रयोगशाला परियोजना के लिए नासा की जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला परियोजना प्रबंधक जिम एरिक्सन के अनुसार क्यूरोसिटी अपने फ्लाइट सॉफ्टवेयर के 11वें संस्करण पर काम कर रही है. मंगल ग्रह पर क्यूरोसिटी के उतरने के 16 माह के बाद यह उसका तीसरा अपग्रेड संस्करण है. नासा ने बताया कि 10वें संस्करण से 11वें संस्करण पर जाने में लगभग एक सप्ताह का समय लगा. इससे पहले 7 सितंबर को 11वें संस्करण पर जाने पर एक अनपेक्षित रीबूट का संकेत दिया था और 10वें संस्करण में वापस चला गया था लेकिन नवीनतम संक्रमण आसानी से हो गया.
 
क्यूरोसिटी में किया गया अपग्रेड उसकी क्षमताओं को बढ़ाएगा जैसे कि 11वें संस्करण में रोबोटिक हाथ की क्षमताओं का विस्तार ऐसा समय पर किया गया जब उसका प्रदर्शन खराब होने लगा था. इसके लचीलेपन में भी सुधार किया गया है ताकि यह रातोंरात जानकारी को स्टोर कर अगले दिन उसे फिर से इस्तेमाल कर सके.

इसका अगला काम रोवर के हाथों पर लगे मार्स हैंड लेंस इमेजर  एमएएचएलआई कैमरे से क्यूरोसिटी के एल्युमीनियम पहियों की तस्वीर लेना होगा.

नासा का मंगल ग्रह विज्ञान प्रयोगशाला परियोजना क्यूरोसिटी का प्रयोग गेल क्रेटर के अंदर रहने योग्य प्राचीन वातावरण और मंगल ग्रह पर्यावरण की स्थिति में बड़े बदलाव के आकलन के लिए कर रहा है. पासाडेना में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक विभाग जेपीएल ने रोवर को बनाया और वाशिंगटन में नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के लिए परियोजना का प्रबंधन करता है.


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