चेचक वायरस टीके वैरिसेला को विकसित करने वाले डॉक्टर मिकहैकि ताकाहाशी का निधन-(25-DEC-2013) C.A

| Wednesday, December 25, 2013
चेचक वायरस के लिए टीका वैरिसेला (Varicella Vaccine) विकसित करने वाले जापान के डॉक्टर मिकहैकि ताकाहाशी का 23 दिसंबर 2013 को ह्रदय गति रुक जाने से जापान के ओसाका शहर में निधन हो गया.
ताकाहाशी ने वर्ष 1972 में चेचक वायरस के लिए टीका विकसित किया था, कुछ ही वर्षों के भीतर जापान और कुछ अन्य देशों में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो गया था. 
चेचक वायरस का टीका इस बीमारी का इलाज नहीं था, लेकिन इस टीके ने एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रेरित किया.
वैरिसेला  (Varicella Vaccine)
•    यह टीका वैरिसेला जोस्टर विषाणु (वायरस) से होने वाले चेचक के लिए प्रतिरोधक के रूप में कार्य करता है.
•    इसका विपणन वैरिवैक्स के नाम से किया जाता है.
•    विश्व स्तर पर इस टीके का विपणन ग्लैक्सोस्मिथलाइन करती है.

मिकहैकि ताकाहाशी से संबंधित तथ्य
•    डॉक्टर मिकहैकि ताकाहाशी का जन्म जापान के ओसाका में हुआ था. वर्ष 1954 में ओसाका विश्वविद्यालय से चिकित्साशास्त्र की डिग्री प्राप्त की.
•    वर्ष 1964 में ताकाहाशी ने अमेरिका के ह्यूस्टन  मेडिकल कॉलेज में रिसर्च फेलोशिप के रूप में खसरा एवं पोलियो वायरस का अध्ययन किया.
•    जापान ने वर्ष 1972 में चेचक के टीके के प्रारंभिक संस्करण को विकसित किया. सयुंक्त राष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने वर्ष 1995 में प्रथम बार चेचक के टीके को मंजूरी दी.
•    मिकहैकि ताकाहाशी ने माइक्रोबियल रोगों के लिए ओसाका विश्वविद्यालय के रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक मंडल पर कार्य किया.
चेचक वायरस से संबंधित तथ्य
•    चेचक दाद वायरस के कारण होता है. चेचक दाद का एक रूप है.
•    चेचक एक उच्च संक्रामक रोग है. यह रोग संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क के माध्यम से फैलता है.  
•    चेचक रोग का लक्षण शरीर में चकत्ते पड़ जाना, बुखार, भूख, सिर दर्द, थकान का अनुभव होना.


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