राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश में अलीगढ़
मुस्लिम विश्वविद्यालय में 37वीं भारतीय समाज
विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन 27 दिसंबर 2013 को किया. 37वीं राष्ट्रीय समाज विज्ञान कांग्रेस
विषय “पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल समावेशी समाज का विकास”
रखा गया. यह कार्यक्रम पांच दिनों तक चलेगा.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारा देश प्रकृति के साथ सामंजस्य रखते हुए आगे बढ़ रहा है. यह महत्वपूर्ण है कि भारत प्रकृति के साथ सामंजस्य रखते हुए आगे बढ़ रहा है और प्रकृति के साथ हमारे संबंध, आपसी लेनदेन और सहयोग पर आधारित होने चाहिए. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने औद्योगिक तथा कृषि संबंधी आदतों में बदलाव की जरूरत पर भी जोर दिया ताकि खाने-पीने और पर्यावरण में फैलता प्रदूषण कम किया जा सके.
राष्ट्रपति ने सोशल साइंस साइबर लाइब्रेरी का उद्घाटन किया तथा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने स्मारिका का विमोचन करके एक प्रति राष्ट्रपति को प्रस्तुत की.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति ले. जनरल (सेवानिवृत) जमीरउद्दीन शाह ने असमा काजमी द्वारा बनाई गई राष्ट्रपति की पोट्रेट उनको प्रस्तुत की. कुलपति ने राष्ट्रपति तथा राज्यपाल बीएल जोशी को स्मृति चिन्ह भेंट किए.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारा देश प्रकृति के साथ सामंजस्य रखते हुए आगे बढ़ रहा है. यह महत्वपूर्ण है कि भारत प्रकृति के साथ सामंजस्य रखते हुए आगे बढ़ रहा है और प्रकृति के साथ हमारे संबंध, आपसी लेनदेन और सहयोग पर आधारित होने चाहिए. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने औद्योगिक तथा कृषि संबंधी आदतों में बदलाव की जरूरत पर भी जोर दिया ताकि खाने-पीने और पर्यावरण में फैलता प्रदूषण कम किया जा सके.
राष्ट्रपति ने सोशल साइंस साइबर लाइब्रेरी का उद्घाटन किया तथा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने स्मारिका का विमोचन करके एक प्रति राष्ट्रपति को प्रस्तुत की.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति ले. जनरल (सेवानिवृत) जमीरउद्दीन शाह ने असमा काजमी द्वारा बनाई गई राष्ट्रपति की पोट्रेट उनको प्रस्तुत की. कुलपति ने राष्ट्रपति तथा राज्यपाल बीएल जोशी को स्मृति चिन्ह भेंट किए.
0 comments:
Post a Comment