भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तवर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा जारी की-(20-DEC-2013) C.A

| Friday, December 20, 2013
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तवर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा मुंबई में 18 दिसंबर 2013 को जारी की.
भारतीय रिजर्व बैंक की तीसरी तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ऋण दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया. भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन ने अल्पकालिक ऋण दर 7.75 प्रतिशत ही रखी. नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) को पूर्ववत 4 प्रतिशत ही रखा गया.

इसके परिणामस्वरूप चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत प्रत्यावर्तनीय रिपो दर 6.75 प्रतिशत, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) और बैंक दर 8.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बनी रहेगी.

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह मुद्रास्फीति की स्थिति और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कार्रवाई को देखते हुए यह कदम उठाया गया. मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि के बावजूद ऋण दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया.

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि यदि महंगाई का दबाव उसकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं घटता है तो वह कभी भी नीतिगत ब्याज दरों को बढ़ा सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की अगली तिमाही समीक्षा 28 जनवरी 2014 को करेगा. रघुराम राजन ने इस बात को स्वीकार किया है कि मुद्रास्फीति की मौजूदा दर काफी ऊंची है. आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने यह भी कहा कि सब्जियों की कीमत थोक और खुदरा दोनों ही स्तर पर घटी हैं. हो सकता है कि कारोबारियों की मुनाफाखोरी के कारण उपभोक्ताओं को इसका पूरा फायदा नहीं मिले.

नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) 
नकद आरक्षी अनुपात वह राशि है जो कि बैंकों को दैनिक रूप से भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखनी पड़ती है.

रैपो दर 
आरबीआई द्वारा बैंकों को उधार देने की ब्याज दर को रैपो दर कहते हैं

रिवर्स रैपो दर 
आरबीआई द्वारा बैंकों से उधार लेने की ब्याज दर को रिवर्स रैपो दर कहते हैं.

मार्जिनल स्टैंडिंग फेसेलिटी (एमएसएफ, Marginal Standing Facility, MSF)
एमएसएफ दर वह दर है जिस पर बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों के एवज में ऋण लेते हैं. एमएसएफ के तहत बैंक ओवरनाइट आधार पर अपने अतिरिक्त सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के विरूद्ध पूंजी लेते हैं. एमएसएफ को भारतीय बैंकिंग प्रणाली में 9 मई 2011 से लागू किया गया था.

विदित हो कि नवम्बर 2013 में सब्जी खंड में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 95.25 प्रतिशत रही जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 61.60 प्रतिशत रही.


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