केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 16 दिसंबर 2013
को विभिन्न मंत्रालयों के स्रोतों को महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित
निर्भय कोष में इस्तेमाल किये जाने के तीन प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की.
निर्भय कोष का इस्तेमाल देश में महिलाओं की सुरक्षा तथा बचाव हेतु उपयोग किया जाना
है.
केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 28 फरवरी 2013 को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि
सरकार निर्भय कोष की स्थापना करेगी तथा इसके लिए 1000 करोड़
रुपये उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया था.
निर्भय कोष से संबंधित
तीन प्रस्ताव
1. सूचना
प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ परमार्श के बाद गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया
प्रस्तावः पुलिस प्रशासन का मोबाइल फोन नेटवर्क के साथ एकीकरण, ताकि विपदा फोन कॉलों पर कम से कम समय में पता लगाया जा सके और कार्यवाही
की जा सके. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सभी मोबाइल फोन विनिर्माताओं को निर्देश
जारी करेगा कि वे सभी हैंडसैटों में अनिवार्य रुप से एक एसओएस अलर्ट बटन लगाएं.
विनिर्माताओं से यह भी कहा जाएगा कि वे उपयुक्त सॉफ्टवेयर
के जरिये वर्तमान हैंडसैटों में भी एसओएस अलर्ट प्रणाली शुरु करें, जिसे उपभोक्ता निशुल्क डाउनलोड कर सकें. इस योजना को 157 शहरों में दो चरणों (पहले चरण में 55 शहरों और दूसरे
चरण में 102 शहरों) में लागू किया जाएगा. इसका अनुमानित बजट
एक हजार करोड़ रुपये होगा. गृह मंत्रालय इसके लिए कैबिनेट नोट भेजेगा.
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इस संदर्भ में पहले ही दो
परियोजनाओं की शुरुआत कर चुका है. पहली परियोजना है- सी-डीएसी (त्रिवेन्द्रम)
द्वारा एक इलैक्ट्रॉनिक व्यक्तिगत सुरक्षा प्रणाली को प्रायोगिक तौर पर जारी करना.
इसमें विपदाग्रस्त महिलाओं की सहायता के लिए एक संपूर्ण इको प्रणाली की व्यवस्था
है और इसका जयपुर पुलिस नियंत्रण कक्ष में उपयोग किया जा रहा है। दूसरी परियोजना
है- उचित मूल्य के एक इलैक्टॉनिक सुरक्षा उपकरण का डिजाइन और विकास. आईआईटी, दिल्ली एक हाथ घड़ी के रुप में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के विकास की
परियोजना पर काम कर रहा है. इस बारे में गृह मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी
मंत्रालय द्वारा कार्यवाही की जाएगी.
2. सड़क परिवहन और
राजमार्ग मंत्रालय का प्रस्तावः देश में सड़क
वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा की एक योजना तैयार की गई है, जिसे
10 लाख से अधिक की आबादी वाले 32 शहरों
में अगले दो वर्षों में लागू किया जाएगा. इस योजना की मुख्य बातें हैं-
क. सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में अनिवार्य रुप से जीपीएस (ग्लोबल पोजिशन सिस्टम) की व्यवस्था. परमिट के लिए यह आवश्यक शर्त होनी चाहिए.
ख. सार्वजनिक परिवहन के वाहनों की स्थिति का पता लगाने के लिए 10 लाख से अधिक आबादी वाले हर शहर में नियंत्रण कक्ष.
ग. सार्वजनिक परिवहन की बसों में सीसीटीवी की व्यवस्था.
घ. स्मार्ट फोन के माध्यम से यात्री सूचना प्रणाली, बस स्टॉपों पर सूचना प्रदर्शन की व्यवस्था आदि.
ङ. परिवहन वाहनों में आईवीआर, संदेश और ई-मेल आधारित शिकायत प्रणाली.
च. प्रत्येक सार्वजनिक परिवहन के वाहन और चालक की जांच और निरंतर समीक्षा.
छ. परिवहन विभाग में महिला प्रवर्तन शाखा.
ज. अधिक संख्या में महिला चालक और कंडक्टर- प्रशिक्षण और लाइसेंसिंग.
झ. जागरुकता अभियान.
इसका अनुमानित बजट लगभग 1700 करोड़ रुपये होगा. इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है. इस बारे में कार्यवाही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की जाएगी.
क. सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में अनिवार्य रुप से जीपीएस (ग्लोबल पोजिशन सिस्टम) की व्यवस्था. परमिट के लिए यह आवश्यक शर्त होनी चाहिए.
ख. सार्वजनिक परिवहन के वाहनों की स्थिति का पता लगाने के लिए 10 लाख से अधिक आबादी वाले हर शहर में नियंत्रण कक्ष.
ग. सार्वजनिक परिवहन की बसों में सीसीटीवी की व्यवस्था.
घ. स्मार्ट फोन के माध्यम से यात्री सूचना प्रणाली, बस स्टॉपों पर सूचना प्रदर्शन की व्यवस्था आदि.
ङ. परिवहन वाहनों में आईवीआर, संदेश और ई-मेल आधारित शिकायत प्रणाली.
च. प्रत्येक सार्वजनिक परिवहन के वाहन और चालक की जांच और निरंतर समीक्षा.
छ. परिवहन विभाग में महिला प्रवर्तन शाखा.
ज. अधिक संख्या में महिला चालक और कंडक्टर- प्रशिक्षण और लाइसेंसिंग.
झ. जागरुकता अभियान.
इसका अनुमानित बजट लगभग 1700 करोड़ रुपये होगा. इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है. इस बारे में कार्यवाही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की जाएगी.
3. रेल
मंत्रालय का प्रस्तावः कुछ विशेष क्षेत्रों में रेल गड़ियों में एसओएस अलर्ट प्रणाली की
स्थापना के लिए एक प्रायोगिक योजना. रेलवे की हेल्पलाइन प्रणाली की मुख्य बातें इस
प्रकार होंगी-
क. इस
व्यवस्था के अंतर्गत मोबाइल और लैंडलाइन नेटवर्कों के सभी दूरसंचार सर्किलों के
मोबाइल सेवा प्रदाता होंगे.
ख. कॉल रिकार्ड करने यानि यात्रियों और कॉल सेंटर के एजेंटों के बीच बातचीत को रिकार्ड करने की व्यवस्था.
ग. एसएमएस सेवा के लिए उपकरणों में उन्नयन/अनुकूलन की व्यवस्था.
घ. शुरु में प्रस्तावित कॉल सेंटर अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में कार्य करेगा, लेकिन प्रणाली का उन्नयन करके इसमें केंद्रीकृत कॉल सेंटर से प्राप्त कॉलों को क्षेत्रीय कॉल सेंटरों को हस्तांतरित करने की व्यवस्था होगी.
ख. कॉल रिकार्ड करने यानि यात्रियों और कॉल सेंटर के एजेंटों के बीच बातचीत को रिकार्ड करने की व्यवस्था.
ग. एसएमएस सेवा के लिए उपकरणों में उन्नयन/अनुकूलन की व्यवस्था.
घ. शुरु में प्रस्तावित कॉल सेंटर अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में कार्य करेगा, लेकिन प्रणाली का उन्नयन करके इसमें केंद्रीकृत कॉल सेंटर से प्राप्त कॉलों को क्षेत्रीय कॉल सेंटरों को हस्तांतरित करने की व्यवस्था होगी.
अखिल भारतीय आधार पर योजना को लागू करने के लिए लगभग 25.17
करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. रेल मंत्रालय ने फिलहाल इसके लिए कोई
राशि नहीं मांगी है. इस संबंध में कार्यवाही रेल मंत्रालय द्वारी की जाएगी.
उपरोक्त तीन योजनाओं के अलावा महिला एवं बाल विकास
मंत्रालय ने बताया है कि वह संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने, कार्यवाही केंद्रों की स्थापना करने और 10 लाख से
अधिक आबादी वाले उपरोक्त 32 शहरों में महिलाओं की सलामती और
सुरक्षा को बढावा देने के लिए जागरुकता पैदा करने की एक योजना तैयार कर रहा है.
निर्भया कांड
पैरा-मेडिकल की 23 वर्षीय
छात्रा (दामिनी या निर्भया के नाम से विख्यात) का 16 दिसंबर 2012
को नई दिल्ली में एक नाबालिग समेत छह पुरूषों द्वारा एक चलती बस में
सामूहिक बलात्कार किया गया था. निर्भया की मृत्यु सिंगापुर के माउंट एलीजाबेथ
अस्पताल में 29 दिसंबर 2013 को हुई थी.
इस घटना के कारण देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए थे. भारत सरकार ने, जिसके चलते, महिलाओं के प्रति अपराधों से निपटने के
लिए कड़े कानून तथा उपाय बनाने का वादा किया था. निर्भय कोष इसी दिशा में भारत
सरकार की एक पहल है.
Who: निर्भय कोष में इस्तेमाल
किये जाने वाले तीन प्रस्ताव
What: स्वीकृति
When: 16 दिसंबर 2013
0 comments:
Post a Comment