भारत ने 19 दिसंबर 2013
को स्वदेश निर्मित मल्टी बैरल रॉकेट लांचर पिनाका का सफल परीक्षण
किया. यह परीक्षण उड़ीसा के बालासोर जिले के चांदीपुर तट पर निर्मित बेस से शस्त्र
अनुसंधान व विकास संस्थान (Armament Research and Development
Establishment, ARDE) की पुणे स्थित इकाई द्वारा किया गया.
भारत वर्ष 1995 से ही पिनाका के
कई परीक्षण कर चुका है तथा उल्लिखित परीक्षण इस रॉकेट लांचर की कार्य-प्रणाली में
किये गये सुधार को जांचने हेतु किया गया था. पैदल सेनाओं की बंदूकों एवं तोपों के
परिशिष्टीकरण हेतु रॉकेट लांचरों से दागे जाने वाले 40 किमी
की क्षमता वाले रॉकेट लांचर काफी मददगार साबित होते हैं. द्रुत प्रतिक्रियात्मक
समय तथा फायरिंग की उच्च दर के कारण सेनाओं को युद्ध के दौरान काफी आवश्यक होती
है.
विदित हो कि जुलाई 2013 में पश्चिमी
राजस्थान के पोखरण के चंदन क्षेत्र में द्वितीय पीढ़ी के पिनाका मार्क 2 मल्टी बैरल प्रणाली का सफल किया गया था.
पिनाका की मुख्य विशेषतायें
पिनाका की मुख्य विशेषतायें
• पिनाका की आक्रमण क्षमता
40 किमी है.
• द्रुत प्रतिक्रियात्मक समय तथा फायरिंग की उच्च दर के कारण यह युद्ध के दौरान काफी है.
• पिनाका प्रति 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दाग सकता है.
• पिनाका विभिन्न प्रकार के मुखास्त्रों के साथ समायोजित किया जा सकता है.
• द्रुत प्रतिक्रियात्मक समय तथा फायरिंग की उच्च दर के कारण यह युद्ध के दौरान काफी है.
• पिनाका प्रति 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दाग सकता है.
• पिनाका विभिन्न प्रकार के मुखास्त्रों के साथ समायोजित किया जा सकता है.
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