भौतिकी क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार 2014: इसामू अकासाकी, हिरोशी अमानो और शुजी नाकामुरा-(08-OCT-2014) C.A

| Wednesday, October 8, 2014
जापान के भौतिक विज्ञानी इसामू अकासाकी (Isamu Akasaki) एवं हिरोशी अमानो (Hiroshi Amano) और जापानी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नाकामुरा (Shuji Nakamura) का संयुक्त रूप से वर्ष 2014 के भौतिकी क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार हेतु चयन किया गया. इन वैज्ञानिकों का चयन नीले प्रकाश उत्सर्जित करने वाले डायोड के आविष्कार के लिए किया गया. ये डायोड एक नए ऊर्जा सक्षम एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रकाश स्त्रोत हैं.
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस ने स्टॉकहोम में तीनों वैज्ञानिकों के नामों की घोषणा 7 अक्टूबर 2014 को की. इन वैज्ञानिकों को 10 दिसम्बर 2014 को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाना है.

रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि आविष्कार केवल 20 साल पुराना है लेकिन यह पहले ही हम सबके फायदे के लिए पूरी तरह नए तरीके से सफेद प्रकाश के निर्माण में योगदान दे चुका है.

नोबेल समिति ने कहा कि इन वैज्ञानिकों ने एलईडी की नीली रोशनी का इस्तेमाल कर सफेद रोशनी पैदा करने की तकनीक विकसित की, जो अधिक किफायती और ऊर्जा संरक्षण करने वाली है. 

हरे और लाल रंग की एलईडी की खोज काफी पहले हो चुकी थी लेकिन 1990 के दशक में पहली बार इन वैज्ञानिकों ने नीली रोशनी उत्पन्न करने वाले डॉयड का आविष्कार किया. नीले प्रकाश का इस्तेमाल कर सफेद प्रकाश का उत्सर्जन करने वाले एलईडी लैम्प का नए तरीके से निर्माण किया जा सकता है.

वैज्ञानिकों से संबंधित मुख्य तथ्य 
85-वर्षीय इसामू अकासाकी मेईजो यूनिवर्सिटी में और नगोया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. 54-वर्षीय हिरोशी अमानो भी नागोया यूनिवसिर्टी में प्रोफेसर हैं, जबकि 60-वर्षीय शुजी नाकामुरा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोनिया, सैंटा बारबरा में प्रोफेसर हैं.

भौतिकी नोबेल पुरस्कार 
वर्ष 2013 के भौतिकी क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार बेल्जियम के भौतिक विज्ञानी फ्रांस्वा इंगलर्ट और ब्रिटेन के पीटर हिग्स को परमाणु से छोटे कणों के द्रव्यमान को समझाने की प्रक्रिया की सैद्धांतिक खोज (हिग्स बोसॉन या गॉड पार्टिकल) करने के लिए संयुक्त रूप से दिया गया था.
 
वर्ष 2012 का भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए फ्रांसीसी वैज्ञानिक सर्गे हरोशे और अमेरिकी शोधकर्ता डेविड जे वाइनलैंड को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था. इन दोनों वैज्ञानिकों का चयन पृथक क्वांटम प्रणाली के मापन और परिवर्तन की क्षमता वाला महत्त्वपूर्ण प्रयोग करने के लिए किया गया था. इनके इस महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों के द्वारा नए तरह के सुपरफास्ट कंप्यूटर के निर्माण की दिशा में अनुसंधान का रास्ता खुल गया.
भौतिकी नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
वर्ष 1901 से वर्ष 2013 के मध्य 107 भौतिकी नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं.
• 47 लोगों को भौतिकी नोबेल पुरस्कार एकल रूप से प्रदान किया गया.
• 31 भौतिकी नोबेल पुरस्कार दो लोगों को संयुक्त रूप से और 29 भौतिकी नोबेल पुरस्कार तीनों लोगों को संयुक्त रूप से प्रदान किए गए हैं.
वर्ष 1901 से वर्ष 2013 के मध्य कुल 195 लोगों को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है. जॉन बार्डीन एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें दो बार यह पुरस्कार मिला है. उन्हें वर्ष 1956 और वर्ष 1972 में यह पुरस्कार दिया गया. जॉन बार्डीन को मिलाकार यह संख्य 196 होती है, क्योंकि उन्हें दो बार यह पुरस्कार मिला.
यह पुरस्कार केवल दो महिला को दिया गया है. वर्ष 1903 में मैरी क्यूरी और वर्ष 1963 में मारिया गोएप्पेर्ट-मेयर को.
लॉरेंस ब्रैग इस पुरस्कार को पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं, उन्हें वर्ष 1915 में 25 वर्ष की आयु में उनके पिता के साथ संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था.
वर्ष 1916, 1931, 1934, 1940, 1941 और 1942 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान नहीं किया गया.
पहला भौतिकी नोबेल पुरस्कार वर्ष 1901 में विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन को दिया गया था.
रेमंड डेविस जूनियर भौतिकी नोबेल पुरस्कार पाने वाले सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति हैं. उन्हें यह पुरस्कार 88 वर्ष की आयु में वर्ष 2002 में दिया गया था.

नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
इसकी शुरुआत स्वीडन के वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के द्वारा वर्ष 1895 में लिखी वसीयत में की गई थी. वर्ष 1901 में पहली बार भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा या कार्यिकी, साहित्य और शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

नोबेल पुरस्कार के रूप में 80 लाख स्वीडिश ब्रोकर यानि करीब 7.5 करोड रूपये की राशि प्रदान की जाती है. वित्तीय संकट के कारण नोबेल फाउंडेशन ने वर्ष 2012 के पुरस्कार राशि में 20 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया था.



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