स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक-2012 लोकसभा में पारित - (07-SEP-2013) CURRENT affair

| Saturday, September 7, 2013
स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक-2012 लोकसभा में 6 सितम्बर 2013 को पारित किया गया. विधेयक में स्ट्रीट वेंडरों के जीविका अधिकार, उनकी सामाजिक सुरक्षा, देश में शहरी स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन तथा इनसे जुड़े मामलों का प्रावधान है. इस विधेयक को लोकसभा में आवास तथा शहरी उपशमन मंत्री डॉक्टर गिरिजा व्यास ने प्रस्तुत किया.
विधेयक का उद्देश्य
स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक-2012 का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को उचित और पारदर्शी माहौल में बिना किसी भय प्रताड़ना के कारोबार करने का माहौल तैयार करना है. यह विधेयक लगभग एक करोड़ परिवारों को आजीविका की सुरक्षा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया.
स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक-2012 के मुख्य बिंदु
विधेयक में प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र में शहरी वेंडिंग प्राधिकार के गठन का प्रावधान किया गया. यह विधेयक के प्रावधानों को लागू करने की धुरी है.
विधेयक के अनुसार स्ट्रीट वेंडिंग से जुड़ी गतिविधियों जैसे बाजार का निर्धारण, वेंडिंग क्षेत्र की पहचान, स्ट्रीट वेंडिंग योजना की तैयारी तथा स्ट्रीट वेंडरों के सर्वेक्षण में भागीदारी पूर्वक निर्णय लेने के लिए टाउन वेंर्डिंग कमेटी (टीवीसी) में अधिकारियों, गैर-अधिकारियों, महिला वेंडर सहित वेंडरों के प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग तथा लोगों का प्रतिनिधित्व हो. 
विधेयक में प्रावधान है कि टीवीसी के 40 प्रतिशत सदस्य चुनाव के जरिए स्ट्रीट वेंडरों में से ही होंगे. इनमें से एक तिहाई महिलाएं हों.
विधेयक में सभी वर्तमान स्ट्रीट वेंडरों के सर्वेक्षण और प्रत्येक 5 वर्ष में पुनर्सर्वेक्षण की व्यवस्था है, जिसमें सर्वे में चिह्नित स्ट्रीट वेंडरों को प्रमाणपत्र जारी करना शामिल है. इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग तथा अशक्त लोगों की प्राथमिकता की बात भी है.
सर्वे में चिह्नित सभी वर्तमान स्ट्रीट वेंडरों को वेंडिंग क्षेत्र में शामिल किया जाना है, शर्त यह है कि वार्ड या क्षेत्र या शहर की आबादी का 2.5  प्रतिशत वेंडिंग जोन हो.
वेंडिंग जोन की क्षमता से अधिक जहां चिह्नित स्ट्रीट वेंडर्स हैं वहां टीवीसी द्वारा लॉटरी निकालकर उस वेंडिंग जोन के लिए प्रमाणपत्र जारी किए जाने का प्रावधान है. शेष बचे लोगों को पड़ोस के वेंडिंग जोन में समायोजित किया जाना है.
इस कानून के प्रभाव में आने के पहले जिन्हें वेंडिंग सर्टिफिकेट/लाइसेंस जारी किए गए हैं वे सर्टिफिकेट में दर्ज अवधि तक उस श्रेणी के स्ट्रीट वेंडर माने जाने का प्रावधान है.
विधेयक में यह प्रावधान है कि सर्वे पूरा होने तथा स्ट्रीट वेंडरों को सर्टिफिकेट जारी होने तक किसी भी स्ट्रीट वेंडर को उस स्थान से हटाया नहीं जाना है.
यदि किसी रेहड़ी पटरी और खोमचे वाले को प्रमाणपत्र जारी किया गया है और उसका निधन हो जाता है या वह बीमार है या वह स्थाई रूप से अशक्त हो जाता है तो उसके परिवार के सदस्य यानी उसकी पत्नी या निर्भर बच्चे को रेहड़ी पटरी और खोमचे चलाने का अधिकार देने का प्रावधान है. यह अधिकार तब तक होना है जब तक प्रमाणपत्र की वैधता है.
इस तरह विधेयक में रेहड़ी पटरी और खोमचे वालों को परेशानी से सुरक्षित रखने तथा उसकी जीविका को बढ़ावा देने का उपाय कर सबको शामिल किया गया है.
विधेयक में स्थान बदलने, स्थान से हटाने और सामान की जब्ती को निर्दिष्ट किया गया है और यह रेहड़ी पटरी और खोमचे वालों के लिए सुलभ है. स्थानीय अधिकारियों द्वारा रेहड़ी पटरी और खोमचे वाले को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के मामले में टीवीसी की सिफारिश का प्रावधान है.
रेहडी-पटरी वालों का स्थान में परिवर्तन अंतिम उपाय के रूप में किए जाने का प्रावधान है. इसी तरह रेहडी-पटरी वालों को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने के मामले में विधेयक की दूसरी अनुसूची में व्यवस्था है.
विधेयक का जोर प्राकृतिक बाजारपर है जिसे विधेयक के भीतर परिभाषित किया गया है. 
विधेयक में प्रावधान है कि पूरी योजना इस बात को सुनिश्चित करे कि स्ट्रीट वेंडर हेतु जगह या क्षेत्र की व्यवस्था उचित हो और प्राकृतिक बाजार के स्वभाव के अनुरुप हो. इस तरह, प्राकृतिक स्थान, जहां खरीददार और दूकानदार का निरंतर मिलना होता है, उसे विधेयक में संरक्षित किया गया है.
विधेयक में स्ट्रीट वेंडर की शिकायतों को दूर करने के दिशा में निष्पक्षता बनाए रखने हेतु सेवानिवृत न्यायिक अधिकारी की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विवाद निवारण तंत्र की स्थापना का प्रावधान है.
यह विधेयक जब्त की गई विनाशशील और गैरविनाशशील वस्तुओं को छुड़ाने के लिए निश्चित समय अवधि प्रदान करती है. विनाशशील वस्तुओं के मामले में, स्थानीय अधिकारी को दो कामकाजी दिनों में माल को छोड़ने का प्रावधान है और नष्ट होने वाली वस्तुओं के मामले में उसी दिन उस माल को छोड़ने का प्रावधान है, जिस दिन दावा किया गया है.
इस विधेयक में स्ट्रीट वेंडरों हेतु सरकार द्वारा किए जाने वाले कर्जे की उपलब्धता, बीमा और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अन्य कल्याणकारी योजनाओं, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रावधान किया गया.
विधेयक की धारा 29 स्ट्रीट वेंडरों के पुलिस और अन्य अधिकारियों के उत्पीड़न से संरक्षण प्रदान करती है और यह अधिभावी धारा का प्रावधान करती है जो सुनिश्चित करता है कि वे किसी अन्य कानून के तहत भी बिना किसी उत्पीड़न के भय से अपना काम करें.
यह विधेयक विशेष तौर से इस बात का प्रावधान करता है कि विधेयक के तहत नियमों को इसके प्रारंभ होने के एक वर्ष के भीतर अधिसूचित किया जाना जरूरी होना है और योजना के कार्यान्वयन में देरी को रोकने हेतु इसके प्रारंभ होने के छह महीने के भीतर अधिसूचित किया जाना है.




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