राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने
भारतीय प्रतिभूति और विनमय बोर्ड (संशोधन) विधेयक-2013 को 13 सितम्बर 2013 को मंजूरी प्रदान की. इसे भारत के
राजपत्र, असाधारण, भाग-II, खण्ड-1 दिनांक 13 सितम्बर 2013 को अधिनियम संख्या-22 वर्ष 2013 के रूप में प्रकाशित किया गया.
यह संशोधन प्रतिभूति अपीलीय
टिब्यूनल (सैट) के अध्यक्ष की नियुक्ति के दायरे को व्यापक बनाने तथा उसे अधिक
शक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया. भारतीय प्रतिभूति और विनमय बोर्ड
(संशोधन) विधेयक-2013 को राज्यसभा में 5 सितम्बर 2013 को और लोकसभा में 27 अगस्त 2013 को पारित किया गया था.
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड
(संशोधन) विधेयक-2013 से संबंधित मुख्य तथ्य
• विधेयक में प्रतिभूति अपीलीय
न्यायाधिकरण (सैट) के पीठासीन अधिकारी की पात्रता के मानदंडों का विस्तार किया गया
है.
• इसमें कम से कम 7 वर्ष के अनुभव वाले उच्च न्यायालय के किसी कार्यरत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सैट के पीठासीन अधिकारी पद पर नियुक्त किए जाने का प्रावधान है.
• पुराने नियमों के मुताबिक सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त या सेवारत न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ही न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता था.
• इसमें कम से कम 7 वर्ष के अनुभव वाले उच्च न्यायालय के किसी कार्यरत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सैट के पीठासीन अधिकारी पद पर नियुक्त किए जाने का प्रावधान है.
• पुराने नियमों के मुताबिक सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त या सेवारत न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ही न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता था.
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