राजस्थान के चित्तौड़गढ़ दुर्ग में विश्व धरोहर पट्टिका का अनावरण किया गया-(22-SEP-2013) C.A

| Sunday, September 22, 2013
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने राजस्थान स्थित चित्तौड़गढ़ दुर्ग में विश्व धरोहर पट्टिका का अनावरण 16 सितम्बर 2013 को किया. इस साथ ही इस अवसर पर दुर्ग के बारे में हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित विवरण पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया गया.
इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री डॉ गिरिजा व्यास भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं. डॉ गिरिजा व्यास और चंद्रेश कुमारी कटोच ने संयुक्त रूप से पुनर्स्थापित तोपखाने का और कुंभ महल में एक चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया.
चित्तौड़गढ़ दुर्ग (राजस्थान) से संबंधित मुख्य तथ्य
चित्तौड़गढ़ दुर्ग राजस्थान के उन छह पर्वतीय दुर्गों में से एक है, जिसे हाल ही में युनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. 
इस दुर्ग के चुनाव को समिति के जून 2013 में हुए 37वें अधिवेशन में स्वीकृत किया गया था.
विदित हो कि राजस्थान के छह पर्वतीय दुर्गों को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने किया गया. यह छह दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखला में विभिन्न स्थलों पर स्थित हैं. यह दुर्ग राजपूतों के पर्वतों पर सैन्य वस्तुशिल्प को दर्शाते हैं. इन दुर्गों के अवशेष आठवीं से उन्नीसवीं शताब्दी के बीच के हैं. दुर्ग का क्षेत्र 20 किलोमीटर के घेरे में पर्वतीय क्षेत्र के छोर तक और विशेष रूप से गागरान की नदी, रणथम्भोर के घने जंगल और जैसलमेर के रेगिस्तान तक फैला है.
विश्व धरोहर पट्टिका (World Heritage Plaque)
विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों को कहा जाता है, जो युनेस्को की विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं. कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है.




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