ज्ञान कोरिया की गुजराती फिल्म 'द गुड रोड' को वर्ष 2014 के ऑस्कर पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में 21 सितम्बर 2013 को नामित किया गया. यह पहली गुजराती फिल्म है जो ऑस्कर पुरस्कार की किसी श्रेणी में नामित हुई है.
इस फिल्म ने 21 अन्य मजबूत दावेदार फिल्मों जैसे 'द लंचबॉक्स', 'भाग मिल्खा भाग', 'इंग्लिश विंग्लिश', 'विश्वरूपम' और मलयालम फिल्म 'सेल्यूलाइड' को पीछे छोड़ कर यह उपलब्धि प्राप्त की. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) द्वारा गठित चयन समिति के अध्यक्ष फिल्म निर्माता गौतम घोष थे. चयन हेतु 16 लोगों की एक समिति गठित की गई थी.
फिल्म 'द गुड रोड'
फिल्म 'द गुड रोड' ज्ञान कोरिया द्वारा लिखित और निर्देशित वर्ष 2013 की एक ड्रामा फिल्म है. फिल्म की अधिकांश शूटिंग गुजरात के कच्छ जिले में हुई है. वर्ष 2013 की शुरूआत में इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था. इसमें सोनाली कुलकर्णी और अजय गेही मुख्य कलाकार की भूमिका में हैं.
'द गुड रोड' में तीन अलग-अलग व्यक्तियों की कहानियां हैं. यह फिल्म गुजराती कहानी पर आधारित है. फिल्म दो बच्चों के बिछड़ने की कहानी है और तीन लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है. तीनों गुजरात में रण की सीमा के पास हाईवे पर सफर कर रहे हैं.
विदित हो कि तीन बॉलीवुड फिल्में 'मदर इंडिया' (1957), मीरा नायर की 'सलाम बांबे' (1988) और आशुतोष गोवारीकर की 'लगान' (2001) ही ऑस्कर के लिए नामांकित हो सकी हैं.
ज्ञान कोरिया की गुजराती फिल्म 'द गुड रोड' को वर्ष 2014 के ऑस्कर पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में 21 सितम्बर 2013 को नामित किया गया. यह पहली गुजराती फिल्म है जो ऑस्कर पुरस्कार की किसी श्रेणी में नामित हुई है.
इस फिल्म ने 21 अन्य मजबूत दावेदार फिल्मों जैसे 'द लंचबॉक्स', 'भाग मिल्खा भाग', 'इंग्लिश विंग्लिश', 'विश्वरूपम' और मलयालम फिल्म 'सेल्यूलाइड' को पीछे छोड़ कर यह उपलब्धि प्राप्त की. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) द्वारा गठित चयन समिति के अध्यक्ष फिल्म निर्माता गौतम घोष थे. चयन हेतु 16 लोगों की एक समिति गठित की गई थी.
फिल्म 'द गुड रोड'
फिल्म 'द गुड रोड' ज्ञान कोरिया द्वारा लिखित और निर्देशित वर्ष 2013 की एक ड्रामा फिल्म है. फिल्म की अधिकांश शूटिंग गुजरात के कच्छ जिले में हुई है. वर्ष 2013 की शुरूआत में इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था. इसमें सोनाली कुलकर्णी और अजय गेही मुख्य कलाकार की भूमिका में हैं.
'द गुड रोड' में तीन अलग-अलग व्यक्तियों की कहानियां हैं. यह फिल्म गुजराती कहानी पर आधारित है. फिल्म दो बच्चों के बिछड़ने की कहानी है और तीन लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है. तीनों गुजरात में रण की सीमा के पास हाईवे पर सफर कर रहे हैं.
विदित हो कि तीन बॉलीवुड फिल्में 'मदर इंडिया' (1957), मीरा नायर की 'सलाम बांबे' (1988) और आशुतोष गोवारीकर की 'लगान' (2001) ही ऑस्कर के लिए नामांकित हो सकी हैं.
इस फिल्म ने 21 अन्य मजबूत दावेदार फिल्मों जैसे 'द लंचबॉक्स', 'भाग मिल्खा भाग', 'इंग्लिश विंग्लिश', 'विश्वरूपम' और मलयालम फिल्म 'सेल्यूलाइड' को पीछे छोड़ कर यह उपलब्धि प्राप्त की. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) द्वारा गठित चयन समिति के अध्यक्ष फिल्म निर्माता गौतम घोष थे. चयन हेतु 16 लोगों की एक समिति गठित की गई थी.
फिल्म 'द गुड रोड'
फिल्म 'द गुड रोड' ज्ञान कोरिया द्वारा लिखित और निर्देशित वर्ष 2013 की एक ड्रामा फिल्म है. फिल्म की अधिकांश शूटिंग गुजरात के कच्छ जिले में हुई है. वर्ष 2013 की शुरूआत में इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था. इसमें सोनाली कुलकर्णी और अजय गेही मुख्य कलाकार की भूमिका में हैं.
'द गुड रोड' में तीन अलग-अलग व्यक्तियों की कहानियां हैं. यह फिल्म गुजराती कहानी पर आधारित है. फिल्म दो बच्चों के बिछड़ने की कहानी है और तीन लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है. तीनों गुजरात में रण की सीमा के पास हाईवे पर सफर कर रहे हैं.
विदित हो कि तीन बॉलीवुड फिल्में 'मदर इंडिया' (1957), मीरा नायर की 'सलाम बांबे' (1988) और आशुतोष गोवारीकर की 'लगान' (2001) ही ऑस्कर के लिए नामांकित हो सकी हैं.
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