राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में वर्ष 2011 और वर्ष 2012 के लिए राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भावना पुरस्कार 20 सितम्बर 2013 को प्रदान किए.
राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भावना पुरस्कार-2011
ओडिशा के एमडी जनाब हाजी अब्दुल बारी और मिजोरम के खामलियाना को संयुक्त रूप से वर्ष 2011 के लिए राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भावना पुरस्कार (व्यक्तिगत श्रेणी) से सम्मानित किया गया.
एमडी जनाब हाजी अब्दुल बारी
एमडी जनाब हाजी अब्दुल बारी ने अपने भद्रक जिले (ओडिशा) में संभावित गड़बड़ियों को रोकने के लिए सफलतापूर्वक कार्य किया और गड़बड़ी पैदा होने पर उन्हें रोकने में कामयाब रहे. उन्होंने रक्तदान, शिक्षा और स्वास्थय जैसे क्षेत्रों में भी योगदान दिया.
खामलियाना
वह और उनका संगठन मिजोरम यूथ क्लब समर्पण भाव से समाज की सेवा करता है. समाज में संगतता और सद्भावना को मजबूत बनाने में खामलियाना ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जिनमें नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों का पुनर्वास, एड्स की रोकथाम, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, अनाथालयों के लिए संसाधन जुटाना तथा राहत केंद्र शामिल हैं.
राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भावना पुरस्कार-2012
संगठन श्रेणी में वर्ष 2012 का राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भावना पुरस्कार दिल्ली में स्थित फाउंडेशन फॉर एमिटी एंड नेशनल सोलिडेरिटी को प्रदान किया गया.
फाउंडेशन फॉर एमिटी एंड नेशनल सोलिडेरिटी, दिल्ली
इसकी स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी. यह संगठन साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है. इसके कार्यों में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए शांति, सद्भावना और मैत्री के संदेश का प्रचार-प्रसार शामिल हैं.
राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भावना पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
• इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1996 में नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्यूनल हार्मोनी (एनएफसीएच) द्वारा की गई.
• इसके तहत साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए प्रत्येक वर्ष दो पुरस्कार दिए जाते हैंसांप्रदायिक सद्भावना के लिए एक पुरस्कार किसी एक व्यक्ति को दिया जाता और दूसरा पुरस्कार किसी संस्थान को.
• विशेष परिस्थितियों में, अगर कोई विशेष योग्य व्यक्ति मिले, तो एक से अधिक व्यक्तियों को पुरस्कृत किए जाने का प्रावधान है.
• पुरस्कार विजेताओं का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल द्वारा किया जाता है.
• पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र तथा दो लाख रूपये नकद तथा किसी संस्थान को 5 लाख रूपये दिए जाते हैं.
• अभी तक, यह पुरस्कार 11 व्यक्तियों तथा 10 संस्थाओं को प्रदान किया गया.
• इसके तहत साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए प्रत्येक वर्ष दो पुरस्कार दिए जाते हैंसांप्रदायिक सद्भावना के लिए एक पुरस्कार किसी एक व्यक्ति को दिया जाता और दूसरा पुरस्कार किसी संस्थान को.
• विशेष परिस्थितियों में, अगर कोई विशेष योग्य व्यक्ति मिले, तो एक से अधिक व्यक्तियों को पुरस्कृत किए जाने का प्रावधान है.
• पुरस्कार विजेताओं का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल द्वारा किया जाता है.
• पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र तथा दो लाख रूपये नकद तथा किसी संस्थान को 5 लाख रूपये दिए जाते हैं.
• अभी तक, यह पुरस्कार 11 व्यक्तियों तथा 10 संस्थाओं को प्रदान किया गया.
नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्यूनल हार्मोनी (एनएफसीएच)
इस राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना एक स्वायत्त संस्थान के रूप में वर्ष 1992 में भारत सरकार द्वारा साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी. यह संस्थान समाज के विभिन्न तब्कों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देता है. संस्थान साम्प्रदायिक तथा आतंकवादी हमलों से प्रभावित बच्चों को एक शांतिपूर्ण वातावरण में शिक्षित करके दोबारा समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास करता है, ताकि वे बड़े होकर जिम्मेदार नागरिक बनें और देश की उत्पादकता में अपना योगदान दे सकें.
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