भारत को अंतरराष्ट्रीय समान
मानदंड स्वीकृति प्रबंध (सीसीआरए) के अंतर्गत प्राधिकृत राष्ट्र का दर्जा 19 सितम्बर 2013 को प्राप्त हुआ. सीसीआए के तहत
प्राधिकृत राष्ट्रों को साइबर सुरक्षा के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी
उत्पादों के परीक्षण और उन्हें प्रमाणित करने का अधिकार होता है. इस तरह की
मान्यता हासिल करने वाला भारत 17वां देश है.
प्राधिकृत राष्ट्र का दर्जा
प्राप्त होने से भारत को लाभ
प्राधिकृत राष्ट्र का दर्जा मिलने
से भारत आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का परीक्षण करके प्रमाणपत्र जारी कर
सकेगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य होना है. अभी तक अंतरराष्ट्रीय कंपनियां
भारत में परीक्षण और प्रमाणीकरण हेतु अपने उत्पाद नहीं दे पाती थी. इसके साथ ही
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी उत्पादों के परीक्षण हेतु भारत में सार्वजनिक और निजी
क्षेत्र में बुनियादी ढांचा और प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए निवेश किया
जा सकेगा.
अंतरराष्ट्रीय समान मानदंड
स्वीकृति प्रबंध (सीसीआरए)
सीसीआरए के अंतरराष्ट्रीय प्रबंध
के 26 सदस्य देश
हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की, मलेशिया आदि अन्य देश हैं
जिन्हें यह मान्यता प्राप्त है.
विदित हो कि मानकीकरण परीक्षण और
गुणवत्ता प्रमाणपत्र (एसटीक्यूसी) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
निदेशालय पिछले 5-6 वर्ष से
भारत में समान मानदंड प्रमाणपत्र का संचालन कर रही है. इसके अंतर्गत एसटीक्यूसी
कोलकाता में अपनी प्रयोगशाला में उत्पादों का मूल्यांकन करने के बाद
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी उत्पादों का प्रमाणीकरण करती हैं. एसटीक्यूसी निदेशालय
द्वारा जारी प्रमाणपत्र सीसीआरए के सभी सदस्य देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
स्वीकार्य होने हैं.
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