भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी
घरेलू वाणिज्यिक बैंकों को बड़े शहरों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर अपनी शाखाएं
बिना अनुमति लिए खोलने की इजाजत दी. रिजर्व बैंक की ओर से इस संबंध में 19 सितंबर 2013 को अधिसूचना जारी की गयी. रिजर्व
बैंक द्वारा उठाये गये इस कदम का उद्देश्य है ग्रामीण इलाकों सहित देश के अधिक से
अधिक लोगों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना.
रिजर्व बैंक के इस महत्वपूर्ण कदम
का दायरा, हालांकि, देश के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों
पर लागू नहीं होगा. जबकि शेष सभी घरेलू वाणिज्यिक बैंक अब श्रेणी-एक के केंद्रों
में अपनी शाखाएं खोल सकेंगे.
हालांकि रिजर्व बैंक यह अनुमति
कुछ शर्तों के अधीन होगी. जैसे कि किसी भी वित्त वर्ष के दौरान बैंकों द्वारा खोली
गयी कुल शाखाओं की संख्या का 25 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में श्रेणी-पांच व श्रेणी-छह के ऐसे
केंद्रों में खोली जानी चाहिए जहां यह सुविधा विद्यमान नहीं है.
विदित हो कि रिजर्व बैंक के नए
गर्वनर रघुराम राजन ने इस संबंध में हाल ही में टिप्पणी की थी. साथ ही, शाखाएं खोलने संबंधी छूट दरअसल
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के अनुच्छेद 23 में
संदर्भित है.
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अन्य
महत्वपूर्ण बिंदु
ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों, घरेलू अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) में बैंकिंग की पहुंच बढ़ाने के लिए अनुमति
दी गई.
टियर-2 से टियर-6 तक के शहरों और पूर्वोत्तर
राज्यों के ग्रामीण, अर्धशहरी
और शहरी केंद्रों के साथ-साथ सिक्किम में बिना भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति लिए
शाखाएं खोलना रिपोर्टिंग के अधीन है
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