पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण विधेयक-2013 को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी-(21-SEP-2013) C.A

| Saturday, September 21, 2013
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण विधेयक-2013 को 19 सितम्बर 2013 को मंजूरी प्रदान की. इस विधेयक को भारत के राजपत्र में असाधारण, भाग-II, धारा-1, तिथि 19 सितम्बर 2013, अधिनियम संख्या 23 के रूप में प्रकाशित किया गया.
लोकसभा ने इस विधेयक को 4 सितम्बर 2013 को और राज्यसभा ने 6 सितम्बर 2013 को पारित किया था.
विधेयक का उद्देश्य
यह विधेयक नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के नियमन का अधिकार पीएफआरडीए को देता है. इस विधेयक के जरिये पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को पेंशन के मामलें में वैधानिक अधिकार प्राप्त होना है. वर्तमान में इसका दर्जा गैर वैधानिक है. नई पेंशन प्रणाली धन अर्जन के साथ धन बचत के सिद्धांत पर आधारित है. यह विशेष रूप से अवकाश प्राप्ति हेतु है और उनके लिए जिनकी नियमित आय है.

विधेयक में शामिल कुछ प्रमुख प्रस्ताव
नई पेंशन प्रणाली 1 जनवरी 2004 को सेवा में प्रवेश करने वाले केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों (सशस्त्र सेनाओं को छोड़ कर) के लिए अनिवार्य बनाई गई है.
पेंशन क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत या बीमा क्षेत्र हेतु ऐसा स्वीकृत प्रतिशत जो भी अधिक हो.
पेंशन फंड मैनेजरों में से कम से कम एक सार्वजनिक क्षेत्र से होना है.
इसके तहत न्यूनतम निश्चित लाभ की इच्छा रखने वाले उपभोक्ताओं को प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित न्यूनतम निश्चित लाभ योजनाओं में अपने धन के निवेश का विकल्प होना है.
पीएफआरडीए कानून के तहत नियम बनाने जैसे महत्त्वपूर्ण मामलों पर पीएफआरडीए को सलाह देने के लिए एक पेंशन सलाहकार समिति स्थापित की जानी है, जिसमें सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व होना है.
उपभोक्ताओं को व्यक्तिगत पेंशन खाते से धन की निकासी की सशर्त अनुमति दी जानी है. इन शर्तों में धन निकासी का उद्देश्य, सीमा तथा तेजी शामिल है.
विधेयक में उपभोक्ताओं को अपने धन का निवेश करने के व्यापक विकल्प दिए जाने है.
इनमें सरकारी बॉण्ड में निवेश का विकल्प तथा उनकी जोखिम क्षमता के अनुरूप अन्य कोष में निवेश का विकल्प भी होना है.




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