सातवीं भारत-रूस व्यापार एवं निवेश फोरम
की बैठक रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में 22 सितंबर 2013 को सम्पन्न हुई. फोरम की इस बैठक में
औषधि, पर्यटन तथा
सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया. इस बैठक में भारत की ओर से सम्मिलित हुए 120 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल का
नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने किया. इस बैठक का
उद्देश्य दोनों देशों के व्यापारियों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाना था.
आनंद शर्मा ने रूस में भारतीय कंपनियों
के द्वारा निवेश एवं प्रचालन के साथ-साथ विनिर्माण के नियमों को सरल बनाये जाने पर
विशेष बल दिया.
बैठक के दौरान भारतीय दल के सदस्यों ने
रूस के व्यापारियों के साथ परस्पर व्यापार बढ़ाने को लेकर संभावित अवसरों पर चर्चा
की. बैठक में ‘‘फार्मास्युटिकल
और चिकित्सा उद्योग’’, ‘‘पर्यटन एवं चिकित्सा पर्यटन’’ और ‘‘वस्तुओं, सेवाओं और नए उत्पादों में व्यापार’’ के बारे में तीन दौर की बातचीत
हुई और उच्च प्रद्यौगिकी विनिर्माण के 15 विभिन्न क्षेत्रों सहयोग बढ़ाने को लेकर
नए फ्रेमवर्क को मंजूरी दी गयी.
सातवीं भारत-रूस व्यांपार एवं
निवेश फोरम की बैठक संबंधित तथ्य
•
उरर्वक
क्षेत्र में रूस में फोस्फेट और पोटास के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों के साथ
संयुक्त उद्यम लगाए जाने की संभावनाओं पर विचार किया गया.
• रूस में उपलब्ध उरर्वक संसाधन और भारत में उरर्वकों की बढ़ती मांग को देखते हुए परस्पर सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया गया.
• रूस की एक्रोन और आर्गसिन्टेज़ दो प्रमुख कंपनियां इफ्फको के साथ बातचीत कर रही हैं क्योंकि उनके पास पोटाश और फास्फेट के संसाधन उपलब्ध हैं.
• औद्योगिक मशीनों, हीरों आदि के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया गया.
• नए क्षेत्रों के रूप में आटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल उपकरण, रसायन, खनन और डिब्बा बंद खाद्य वस्तुओं की पहचान की गई.
• भारत और रूस के बीच आईटी सेवाओं में सहयोग के संदर्भ में निम्न परियोजनाएं पर विचार किया गयाः-
• हेलीकॉप्टरों के विकास के लिए हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड को संयुक्त केंद्र बनाते हुए भारत-रूस संयुक्त उद्यम की स्थापना.
• अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए नाइट्रोजन टेट्रा ऑक्साइड का उत्पादन.
• कच्चे हीरों की आपूर्ति के लिए दीर्घावधि के वास्ते एमएमटीसी और अल्सोरा के बीच संभावित भावी सहयोग.
• ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने रूस की ऊर्जा कंपनियों के साथ हाइड्रो कार्बन क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया.
• रेनबेक्सी लेबोरेट्रीज़ लिमिटेड और येरोस्लाव सरकार के बीच संयुक्त परियोजना.
• नई निवेश नीति के तहत भारत में यूरिया उत्पादन में रूसी कंपनियों की भागीदारी.
• जामनगर, भारत में रिलायंस उद्योग स्थल पर एक लाख टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता के साथ बुटिल रबड़ के विनिर्माण के लिए संयंत्र लगाना.
• रूस में उपलब्ध उरर्वक संसाधन और भारत में उरर्वकों की बढ़ती मांग को देखते हुए परस्पर सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया गया.
• रूस की एक्रोन और आर्गसिन्टेज़ दो प्रमुख कंपनियां इफ्फको के साथ बातचीत कर रही हैं क्योंकि उनके पास पोटाश और फास्फेट के संसाधन उपलब्ध हैं.
• औद्योगिक मशीनों, हीरों आदि के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया गया.
• नए क्षेत्रों के रूप में आटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल उपकरण, रसायन, खनन और डिब्बा बंद खाद्य वस्तुओं की पहचान की गई.
• भारत और रूस के बीच आईटी सेवाओं में सहयोग के संदर्भ में निम्न परियोजनाएं पर विचार किया गयाः-
• हेलीकॉप्टरों के विकास के लिए हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड को संयुक्त केंद्र बनाते हुए भारत-रूस संयुक्त उद्यम की स्थापना.
• अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए नाइट्रोजन टेट्रा ऑक्साइड का उत्पादन.
• कच्चे हीरों की आपूर्ति के लिए दीर्घावधि के वास्ते एमएमटीसी और अल्सोरा के बीच संभावित भावी सहयोग.
• ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने रूस की ऊर्जा कंपनियों के साथ हाइड्रो कार्बन क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विचार किया.
• रेनबेक्सी लेबोरेट्रीज़ लिमिटेड और येरोस्लाव सरकार के बीच संयुक्त परियोजना.
• नई निवेश नीति के तहत भारत में यूरिया उत्पादन में रूसी कंपनियों की भागीदारी.
• जामनगर, भारत में रिलायंस उद्योग स्थल पर एक लाख टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता के साथ बुटिल रबड़ के विनिर्माण के लिए संयंत्र लगाना.
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