भारतीय
मूल के अमेरिकी कवि रफीक कथवाड़ी को उनकी 20 अप्रकाशित
कविताओं के पहले संग्रह 'इन अनदर कंट्री' हेतु 41वें पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार (2013)
के लिए चुना गया. इनके चयन की घोषणा 29 सितंबर
2013 को की गई. इसी चयन के साथ ही रफीक कथवाड़ी पैट्रिक
कावानाग पोएट्री पुरस्कार हेतु चयनित होने वाले पहले गैर आयरिश व्यक्ति बन गए.
रफीक कथवाड़ी की ये कविताएं अंग्रेजी में लिखी गई हैं. अप्रकाशित कविताओं के संग्रह
˜इन ऐनअदर कंट्री को इस पुरस्कार के लिए देशभर के 112
उम्मीदवारों में से चुना गया.
पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार
कावानाघ पुरस्कार अंग्रेजी के अप्रकाशित संग्रह के लिए दिया जाता है. पुरस्कार के तहत विजेता को एक हजार यूरो की राशि प्रदान की जाती है. यह पुरस्कार आयरलैंड में पैदा हुए, या यहां की नागरिकता प्राप्त लोगों या आयरलैंड में लंबे समय से रह रहे लोगों को दिया जाता है.
रफीक कथवाड़ी
रफीक कथवाड़ी का सम्बन्ध कश्मीर (भारत) से है. रफीक कथवाड़ी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो आयरलैंड के निवासी नहीं हैं. ज्यादातर न्यूयॉर्क और श्रीनगर में अपना समय बिताने वाले रफीक कथवाड़ी पिछले तीस साल से कविताएं लिख रहे हैं. उन्होंने अल्लामा इकबाल की चयनित उर्दू शायरी का अनुवाद किया है. उनकी अधिकतर कविताएं कश्मीर में ‘मासूमियत के खोने’ और उनकी मां की दीर्घकालीन बीमारी से प्रेरित हैं.
पुरस्कार की घोषणा के बाद रफीक कथवाड़ी ने कहा, कि वह आश्चर्यचकित हैं और यह पुरस्कार आयरलैंड के नए बहुसंस्कृतिवाद का स्पष्ट प्रतीक है.
पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार
कावानाघ पुरस्कार अंग्रेजी के अप्रकाशित संग्रह के लिए दिया जाता है. पुरस्कार के तहत विजेता को एक हजार यूरो की राशि प्रदान की जाती है. यह पुरस्कार आयरलैंड में पैदा हुए, या यहां की नागरिकता प्राप्त लोगों या आयरलैंड में लंबे समय से रह रहे लोगों को दिया जाता है.
रफीक कथवाड़ी
रफीक कथवाड़ी का सम्बन्ध कश्मीर (भारत) से है. रफीक कथवाड़ी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो आयरलैंड के निवासी नहीं हैं. ज्यादातर न्यूयॉर्क और श्रीनगर में अपना समय बिताने वाले रफीक कथवाड़ी पिछले तीस साल से कविताएं लिख रहे हैं. उन्होंने अल्लामा इकबाल की चयनित उर्दू शायरी का अनुवाद किया है. उनकी अधिकतर कविताएं कश्मीर में ‘मासूमियत के खोने’ और उनकी मां की दीर्घकालीन बीमारी से प्रेरित हैं.
पुरस्कार की घोषणा के बाद रफीक कथवाड़ी ने कहा, कि वह आश्चर्यचकित हैं और यह पुरस्कार आयरलैंड के नए बहुसंस्कृतिवाद का स्पष्ट प्रतीक है.
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