सीसीईए ने कोयला खंडों को प्रतिस्पर्धी बोली के जरिए नीलाम करने की कार्य प्रणाली को मंजूरी दी-(26-SEP-2013) C.A

| Thursday, September 26, 2013
केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कोयला खदानों के आवंटन को प्रतिस्पर्धात्मक बोलियों के माध्यम से आवंटित करने की नई नीति को 24 सितम्बर 2013 मंजूरी दी.
इस कार्य प्रणाली की मुख्य विशेषताएं
इस कार्य प्रणाली में पूरी तरह अन्वेषित कोयला खंडों की नीलामी की व्यवस्था है. 
नि‍यमि‍त बि‍जली क्षेत्र हेतु टैरि‍फ आधारि‍त बोली के लि‍ए अंतस्थ मूल्य पर 90 प्रति‍शत छूट देने की व्यवस्था करने का भी नि‍र्णय लि‍या गया. 
इस कार्य प्रणाली से बि‍जली टैरि‍फ को युक्तिसंगत बनाने में सहायता प्राप्त होनी है.
इसमें भू-वैज्ञानि‍क आंकड़ों के उन्नयन के जरि‍ए क्षेत्रीय स्तर पर अन्वेषित खंडों के अन्वेषण द्वारा फास्ट ट्रैक नीलामी की भी व्यवस्था है.
केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत कार्यप्रणाली में अदायगी रुपयों में करने की व्यवस्था है जो प्रति‍ टन उत्पादन पर आधारि‍त होनी है. 
मूल्यों में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव का परि‍हार करने हेतु पि‍छले 5 वर्षों के मूल्यों के आधार पर औसतन बि‍क्री मूल्य तय कि‍या जाना है. 
सुदृढ़ प्रति‍बद्धता सुनिश्चित करने के लि‍ए सभी स्तरों पर अनुबंधि‍त न्यूनतम कार्य कार्यक्रम पूरा करने हेतु मंत्रालय और बोली लगाने वाले के बीच एक समझौता कि‍या जाना है. बोली लगाने वाले द्वारा कार्य की प्रगति‍ के दौरान निष्पादन गारंटी दिए जाने का प्रावधान है. 
कोयला खंड के अंतस्थ मूल्य के 10 प्रति‍शत की बुनि‍यादी अदायगी भी की जानी है. 
कोयला खंड का अंतस्थ मूल्य, खंड के शुद्ध वर्तमान मूल्य के आधार पर तय कि‍या जाना है. 
कोयले का बि‍क्री मूल्य बैंचमार्क करने हेतु सार्वजनि‍क सूचकांकों जैसे रगस/प्लैटस से अंतरराष्ट्रीय एफओबी मूल्य को आधार बनाया जाना है. 
सफल बोलीदाता को कोयला खंडों के अन्वेषण(क्षेत्रीय उन्नत खंडों के लि‍ए) के लि‍ए दो वर्ष और उनके वि‍कास के लि‍ए 5 वर्ष प्राप्त होने हैं.
नई नीति‍ में बोलीदाता को बि‍ना जुर्माने के खंड को छोड़ने की भी व्यवस्था होनी है, बशर्ते कि उसने समझौते में अनुबंधि‍त कार्यक्रम का न्यूनतम कार्य पूरा किया हो.
इसके तहत पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा खंडों की नीलामी से पहले कोयला खंडों के ब्यौरे की समीक्षा किए जाने और निष्कर्ष दिए जाने का प्रावधान है. तथापि‍, अंति‍म अनुमोदन कानून के अधीन वैधानि‍क स्वीकृति‍ पर आधारि‍त होनी है.
विदित हो कि चिह्नित कोयला खंडों में अन्वेषण गति‍वि‍धि‍यां अंति‍म चरणों में है और उनके शीघ्र पूरा होने की अपेक्षा है. इसके बाद कोयला खान नि‍यम 2012 की प्रतिस्पर्धी बोली के अधीन इन कोयला खंडों की नीलामी की जानी है. ये नि‍यम 2 फरवरी 2012 को अधि‍सूचि‍त कि‍ए गए थे.




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