काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने जौ की प्रजाति महामना 113 (एचयूबी 113) विकसित की-(10-SEP-2013) C.A

| Tuesday, September 10, 2013
काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी, उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने जौ की एक प्रजाति महामना 113 (एचयूबी 113) विकसित की. संस्थान के आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के डॉ. लाल चंद प्रसाद (मुख्य प्रजनक) के नेतृत्व में यह प्रजाति विकसित की गई. डॉ. लाल चंद प्रसाद के अनुसार, जौ की यह नई प्रजाति प्रति हेक्टेयर 47-59 कुंतल उपज देती है. बुआई के बाद 30-35 दिन पहली सिंचाई तथा फूल आने पर दूसरी सिंचाई करनी पड़ती है. यह लगभग 120 दिन में तैयार हो जाती है. इस प्रजाति की विशेषता सीमित संसाधनों में अधिक उपज देने की है. साथ ही इसमें अधिक प्रोटीन तथा पीली गेरुई, धब्बा रोग के प्रति अधिक प्रतिरोधक गुण हैं.

सितंबर 2013 में कानपुर में आयोजित भारतीय गेहूं एवं जौ वैज्ञानिकों की 52वीं कार्यशाला में इस प्रजाति को अनुमोदित किया गया. इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा. स्वप्न दत्ता ने वैज्ञानिकों की समिति भी गठित की थी. इसके विमोचन की अधिसूचना के लिए इसे भारत सरकार को भेजा जाना है.
 
विश्लेषण 
इस प्रजाति के विकसित होने से न केवल जौ का क्षेत्रफल उत्तरी पूर्वी भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में बढ़ेगा बल्कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को भी आंशिक रूप से कम करने में सहायता मिलेगी.



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