विश्व की भाषायें (11-sep-2013) कला-एवं-संस्कृति

| Wednesday, September 11, 2013
विश्व की भाषायें

दुनिया की कितनी भाषाएं हैं इसका उत्तर देना ठीक तरह से संभव नहीं है। एक अनुमान के अनुसार दुनिया में कुल भाषाओं की संख्या 6809 है, इनमें से 90 फीसदी भाषाओं को बोलने वालों की संख्या 1 लाख से भी कम है। लगभग 200 से 150 भाषाएं ऐसी हैं जिनको 10 लाख से अधिक लोग बोलते हैं। लगभग 357 भाषाएं ऐसी हैं जिनको मात्र 50 लोग ही बोलते हैं। इतना ही नहीं 46 भाषाएं ऐसी भी हैं जिनको बोलने वालों की संख्या मात्र 1 है।
दुर्भाग्यवश संचार के माध्यमों में वृद्धि के साथ ही कई ऐसी छोटी भाषाएं हैं जो लुप्तप्राय हैं। इन भाषाओं के लुप्त होने के साथ ही इनके बोलने वालों की संस्कृति भी समाप्त हो जाएगी।

पारिवारिक वर्गीकरण
संस्कृत, ग्रीक, लेटिन आदि भाषाओं का अध्ययन करने पर यह मालूम होता है कि वे किसी एक ही मूल भाषा से निकली हैं। इसी आधार पर भाषाओं को परिवारों में बांटने का प्रयास किया जाता है। भाषा परिवारों के बारे में अलग-अलग विद्वानों की अलग-अलग राय है। भाषा परिवारों के नाम और उनमें शामिल प्रमुख भाषाएं इस प्रकार हैं-

भारोपीय परिवार
यह सर्वप्रमुख भाषा परिवार है जिसके बोलने वालों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। इस भाषा परिवार की प्रमुख भाषाएं संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी, बंगाली, फारसी, ग्रीक, लेटिन, अंग्रेजी, रूसी, जर्मन, पुर्तगाली, इतालवी इत्यादि हैं।

यूराल परिवार
इस परिवार की भाषाएं यूरोप में बोली जाती हैं। प्रमुख भाषाएं हंगेरियन, फिन्निश और मॉर्डिविन हैं। 

अल्टाइक परिवार
इस भाषा परिवार की भाषाएं यूरोप (तुर्की), मध्य एशिया (उज्बेक), मंगोलिया (मंगोलियन), सुदूर पूर्व एशिया (कोरियाई, जापानी) इत्यादि में बोली जाती हैं।

चीनी परिवार
यह एशिया का प्रमुख भाषा परिवार है जिसमें दुनिया की सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा मंदारिन (चीनी) शामिल है। इस परिवार की प्रमुख भाषाएं मंदारिन, तिब्बती या मोट, बर्मी, थाई, मैतेई, गारो, नागा, बोडो, नेबारी आदि हैं। यह सभी भाषाएं ध्वनि आधारित हैं।

मलय-पॉलीनेशियन परिवार
इस भाषा परिवार में लगभग 1000 भाषाएं शामिल हैं और ये भाषाएं मुख्य रूप से हिंद व प्रशांत महासागर और दक्षिण-पूर्व एशिया में बोली जाती हैं। इस भाषा परिवार की प्रमुख भाषाएं हैं- मलाया, इंडोनेशियाई, माओरी, फिजियन, हवाइयन इत्यादि।

अफ्रीकी-एशियाई परिवार
इस भाषा परिवार में उत्तरी अफ्रीका और मध्य-पूर्व की भाषाएं शामिल हैं। मुख्य भाषाओं में अरबी और हिब्रू शामिल हैं।

कॉकेशियाई परिवार
इस परिवार की भाषाएं मुख्य रूप से काला सागर और कैस्पियन सागर के बीच स्थित देशों के लोगों द्वारा बोली जाती हैं। जॉर्जियाई और चेचेन इस परिवार की मुख्य भाषाएं हैं।

द्रविड़ परिवार
इस भाषा परिवार की भाषाएं भारत के दक्षिणी राज्यों में बोली जाती हैं। तमिल, कन्नड़, तेलुगू इस भाषा परिवार की प्रमुख भाषाएं हैं।

ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार
इस परिवार की भाषाएं एशिया में भारत के पूर्वी हिस्से से लेकर वियतनाम तक बोली जाती हैं। प्रमुख भाषाओं में वियतनामी और ख्मेर शामिल हैं।

नाइजर-कांगो परिवार
इस भाषा परिवार की भाषाएं दक्षिणी सहारा के इलाके में बोली जाती हैं। प्रमुख भाषाओं में स्वाहिली, शोना, झोसा और जुलु शामिल हैं।

अमेरिका परिवार
इस भाषा परिवार में उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, ग्रीनलैंड इत्यादि की भाषाएं शामिल हैं। प्रमुख भाषाओं में एस्किमो (ग्रीनलैंड), अथबस्कन (कनाडा और सं. रा. अमेरिका), नहुअव्ल (मैक्सिको), करीब, चेरोकी (पनामा के पूर्व में), गुआर्नी अरबक, क्वाचुआ, नुत्का इत्यादि।

भारतीय भाषाएं
प्रसिद्ध भाषाविद ग्रियर्सन के अनुसार भारत में भाषाओं की संख्या 179 और बोलियों की संख्या 544 है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में कुल भाषाओं की संख्या 418 है, जिनमें 407 जीवित भाषाएं हैं जबकि 11 लुप्त हो चुकी हैं।
भारत का संविधान अपनी 8वीं अनुसूची में 18 भाषाओं को मान्यता देता है। देवनागरी लिपि में हिन्दी भारतीय संघ की भाषा है जबकि विभिन्न प्रदेशों की अपनी-अपनी सरकारी भाषाएं हैं। अंग्रेजी भारतीय संघ की दूसरी राजभाषा है। अंग्रेजी का प्रयोग केेंद्र सरकार गैर-हिंदी भाषी राज्यों के साथ संवाद में करती है। अंग्रेजी नागालैंड और मेघालय की राजभाषा है। भारत का संविधान 22 भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देता है जो पूरे देश में बोली जाती हैं।

हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त भारत का संविधान 21 अन्य भाषाओं को मान्यता प्रदान करता है।


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