सीरिया अपने रासायनिक हथियारों के
भंडार को रूस के प्रस्ताव के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण में रखने पर 10 सितम्बर 2013 को सहमत हो गया. सीरिया के विदेश
मंत्री वालिद अल मोअल्लम ने यह घोषणा की. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा
ने कहा था, यदि सीरिया
के राष्ट्रपति अपने रासायनिक हथियारों को त्याग देते है तो सैनिक कार्रवाई पूरी
तरह रूक जानी है.
क्या है रूस का प्रस्ताव?
रूस के प्रस्ताव के तहत सीरिया
में मौजूद सभी रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में सौंप देने का सुझाव
है. इस बारे में विस्तृत कार्य योजना और समय सीमा को लेकर सीरिया से बातचीत जारी
है. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और हैग स्थित रासायनिक हथियारों
की रोक से सम्बन्धित संगठन ओपीसीडब्ल्यू की राय लेकर इसे अंतिम रूप दिया जाना है.
लगभग एक हजार टन से ज्यादा रासायनिक हथियारों को निरस्त करने में अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर काफी काम किया जाना है.
विश्लेषण
इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति
ओबामा ने माना है कि अगर रूस के प्रस्ताव के पीछे मंशा सही है तो इससे संकट टल
सकता है. लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि इसे महज सैनिक कार्यवाही को टालने
की कोशिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति की ये
टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब उन्हें सीरिया मुद्दे पर रिपब्लिकन सीनेटरों के कड़े
विरोध ही नहीं, बल्कि खुद
के डेमोक्रेट सांसदों से भी अविश्वास का सामना करना पड़ रहा है. ओबामा को सीरिया
में राष्ट्रपति बशर अल असद के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हमले हेतु सीनेट की
मंजूरी के लिए जरूरी मतों से 50 मत कम मिल सकते हैं.
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