ममनून हुसैन (Mamnoon
Hussain) ने
पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद की शपथ 9 सितम्बर 2013 को ली. वह पाकिस्तान के 12वें राष्ट्रपति हैं. राष्ट्रपति
के रूप में ममनून हुसैन ने आसिफ अली जरदारी का स्थान लिया. राष्ट्रपति के रूप में
आसिफ अली जरदारी का कार्यकाल 8 सितम्बर 2013 को समाप्त हुआ.
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय
के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई.
राष्ट्रपति के रूप में ममनून हुसैन का कार्यकाल 5 वर्ष के लिए निर्धारित है.
पीएमएल-एन के उम्मीदवार रहे ममनून
हुसैन को पाकिस्तान का राष्ट्रपति 30 जुलाई 2013 को चयनित किया गया था. पाकिस्तान
में राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य और देश के सभी राज्यों
की विधानसभाओं के सदस्य करते हैं. पाकिस्तान के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को
सीमित अधिकार प्राप्त होते हैं और वह राजनीतिक निर्णय लेने में कोई बड़ी भूमिका अदा
नहीं करते.
ममनून हुसैन (Mamnoon
Hussain) से संबंधित मुख्य तथ्य
• ममनून हुसैन पाकिस्तान की
सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तानी मुस्लिम लीग के सदस्य रहे हैं.
• पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की ओर से वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए थे.
• ममनून हुसैन ने राष्ट्रपति चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश वजीहुद्दीन अहमद को भारी मतों से पराजित किया था.
• पीएमएल-एन के उम्मीदवार ममनून हुसैन वर्ष 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान आए थे.
• आगरा में वर्ष 1940 में जन्मे हुसैन उर्दू भाषी जातिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
• वह सिंघ प्रांत के पूर्व गर्वनर रह चुके हैं.
• उन्होंने वर्ष 1965 में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से स्नातक किया.
• वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बहुत करीबी और खास समझे जाते हैं.
• वर्ष 1999 में नवाज शरीफ सरकार के तख्तापलट के समय भी उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा.
• पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की ओर से वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए थे.
• ममनून हुसैन ने राष्ट्रपति चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश वजीहुद्दीन अहमद को भारी मतों से पराजित किया था.
• पीएमएल-एन के उम्मीदवार ममनून हुसैन वर्ष 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान आए थे.
• आगरा में वर्ष 1940 में जन्मे हुसैन उर्दू भाषी जातिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
• वह सिंघ प्रांत के पूर्व गर्वनर रह चुके हैं.
• उन्होंने वर्ष 1965 में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से स्नातक किया.
• वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बहुत करीबी और खास समझे जाते हैं.
• वर्ष 1999 में नवाज शरीफ सरकार के तख्तापलट के समय भी उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा.
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