भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के अम्बर श्रीवास्तव ने हीमोग्लोबिन का परीक्षण करने के लिए
ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) नामक एक उपकरण विकसित
किया. यह उपकरण एक मोबाइल फोन के आकार का है. इसका उत्पादन भी किया जा रहा है.
अपनी क्षमता के कारण इस उपकरण को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने भी मान्यता प्रदान की. इस उपकरण से भारत में बड़े पैमाने पर मौजूद एनीमिया की पहचान करने और उससे निपटने में मदद मिलेगी.
अम्बर श्रीवास्तव ने ट्रूएचबी हीमोमीटर्स के उत्पादन और व्यावसायीकरण के लिए रींग नैनोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई है.
इस उपकरण का विकास आईआईटी के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग केंद्र के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के फंड से किया गया.
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग केंद्र की स्थापना स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए 1971 में आईआईटी और एम्स के संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया था.
ट्रूएचबी हीमोमीटर के लाभ
• ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) की कीमत हीमोग्राम टेस्ट के लिए स्वर्ण मानक जीबीसी काउंटर के मुकाबले 25000 रुपये कम होने की उम्मीद है. इसकी कीमत 2 से 10 लाख रुपये है.
• इसे एक मोबाइल फोन की तरह चार्ज किया जा सकता है औऱ एक बार चार्ज होने के बाद इससे 300 टेस्ट किए जा सकते हैं जबकि सीबीसी काउंटर को लगातार बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है.
• आकार के मुकाबले भी यह सीबीसी काउंटर से बेहतर है जो कि एक पर्सनल कंप्यूटर से भी दुगुने आकार का होता है जबकि ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) का आकार मोबाइल फोन जितना होता है.
• 800 ग्राम से भी कम वजन होने की वजह से यह अल्ट्रापोर्टेबल भी है और यह स्लीक ऑप्टोइलेक्ट्निक्स डिजाइन में बना है.
• यह पेपर– आधारित रंगीन कार्डों के मुकाबले भी बेहतर है जिसमें हीमोग्लोबीन का अनुमान लगाने के लिए एक रंगीन स्केल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे कार्ड्स रेंज बताते हैं और हीमोग्लोबीन के स्तर का सटीक वैल्यू नहीं बता पाते.
• ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) पारंपरिक ग्लूकोमीटर की तरह काम करता है और एक डिस्पोजेबल स्ट्रिप पर रक्त की एक बूंद से ही काम कर लेता है. यह न सिर्फ 45 सेकेंडों में वास्तविक स्तर को बता देता है बल्कि यह ऐसे 1000 रीडिंग को सुरक्षित भी कर सकता है.
• यह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, ब्लड बैंकों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी स्कूल स्वास्थ्य योजनाओं और देखभाल के सभी मायनों जिसमें घर पर इस्तेमाल भी शामिल के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा.
अपनी क्षमता के कारण इस उपकरण को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने भी मान्यता प्रदान की. इस उपकरण से भारत में बड़े पैमाने पर मौजूद एनीमिया की पहचान करने और उससे निपटने में मदद मिलेगी.
अम्बर श्रीवास्तव ने ट्रूएचबी हीमोमीटर्स के उत्पादन और व्यावसायीकरण के लिए रींग नैनोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई है.
इस उपकरण का विकास आईआईटी के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग केंद्र के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के फंड से किया गया.
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग केंद्र की स्थापना स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए 1971 में आईआईटी और एम्स के संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया था.
ट्रूएचबी हीमोमीटर के लाभ
• ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) की कीमत हीमोग्राम टेस्ट के लिए स्वर्ण मानक जीबीसी काउंटर के मुकाबले 25000 रुपये कम होने की उम्मीद है. इसकी कीमत 2 से 10 लाख रुपये है.
• इसे एक मोबाइल फोन की तरह चार्ज किया जा सकता है औऱ एक बार चार्ज होने के बाद इससे 300 टेस्ट किए जा सकते हैं जबकि सीबीसी काउंटर को लगातार बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है.
• आकार के मुकाबले भी यह सीबीसी काउंटर से बेहतर है जो कि एक पर्सनल कंप्यूटर से भी दुगुने आकार का होता है जबकि ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) का आकार मोबाइल फोन जितना होता है.
• 800 ग्राम से भी कम वजन होने की वजह से यह अल्ट्रापोर्टेबल भी है और यह स्लीक ऑप्टोइलेक्ट्निक्स डिजाइन में बना है.
• यह पेपर– आधारित रंगीन कार्डों के मुकाबले भी बेहतर है जिसमें हीमोग्लोबीन का अनुमान लगाने के लिए एक रंगीन स्केल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे कार्ड्स रेंज बताते हैं और हीमोग्लोबीन के स्तर का सटीक वैल्यू नहीं बता पाते.
• ट्रूएचबी हीमोमीटर (TrueHb Hemometer) पारंपरिक ग्लूकोमीटर की तरह काम करता है और एक डिस्पोजेबल स्ट्रिप पर रक्त की एक बूंद से ही काम कर लेता है. यह न सिर्फ 45 सेकेंडों में वास्तविक स्तर को बता देता है बल्कि यह ऐसे 1000 रीडिंग को सुरक्षित भी कर सकता है.
• यह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, ब्लड बैंकों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी स्कूल स्वास्थ्य योजनाओं और देखभाल के सभी मायनों जिसमें घर पर इस्तेमाल भी शामिल के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा.
0 comments:
Post a Comment