एशियाई देशों के ऊपर वायु-प्रदूषण ने प्रशांत तूफानों को मजबूत किया: पीएनएएस अध्ययन-(18-APR-2013) C.A

| Friday, April 18, 2014
एशियाई देशों में बढ़ते प्रदूषण और प्रशांत महासागर के ऊपर मौसम-प्रणालियों में बदलाव के बीच एक संबंध का पता लगाया गया.  इस संबंध में अमेरिका की राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की कार्यवाहियों (पीएनएएस) में एक अध्ययन को प्रकाशित किया गया. यह अध्ययन एक मल्टीस्केल वैश्विक जलवायु मॉडल के इस्तेमाल द्वारा प्रशांत महासागर में तूफानों के गमन के मार्ग पर मानव-जनित एरोसोल्स (गैस में ठोस या तरल कणों के बादल) के प्रभाव के आकलन पर आधारित है.
वैज्ञानिकों ने जलवायु-परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) द्वारा एकत्र व्यापक उत्सर्जन-डाटा का प्रयोग किया था और उन्होंने  दो परिदृश्यों पर विचार किया: एक औद्योगिक-पूर्व युग 1850 में वायु-प्रदूषण की दर के लिए और दूसरा 2000 से.
वैज्ञानिकों ने पाया कि मानव-निर्मित एरोसोल्स बादलों के निर्माण पर निर्णायक प्रभाव डालते हैं और मध्य-अक्षांश चक्रवात प्रशांत तूफानों के ट्रैक से जुड़े थे. इससे बादल ज्यादा घने हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप महासागर के ऊपर और ज्यादा घने तूफान आते हैं.
तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में होने वाली मानव-गतिविधियों द्वारा निर्मित एरोसोल्स तूफानों के निर्माण और वैश्विक वायु संचरण अनुप्रवाह पर प्रभाव अवश्य डालते हैं. उनके कण तूफानों को ज्यादा गहन और ज्यादा सशक्त तथा ज्यादा घना बना देते हैं और उनमें ज्यादा अवक्षेप होता है.
अध्ययन सबसे आम एरोसोल्स को सल्फेट्स के रूप में चिह्नित करता है, जो मुख्यत: कोयले से प्रज्वलित विद्युत संयंत्रों से आते हैं. वाहन-उत्सर्जनों द्वारा छोड़े गए अन्य प्रदूषणकारी कणों का भी पता लगाया गया. वायुमंडल में आने के बाद ये कण सूर्य के प्रकाश को परावर्तित और अवशोषित कर लेते हैं तथा जलवायु-क्षेत्रों पर इनके शीतकारी और तापकारी दोनों प्रभाव हो सकते हैं.
उत्तरी अटलांटिक के ऊपर मौजूद एरोसोल्स उत्तरी अटलांटिक के ऊपर तूफानों को प्रभावित करते हैं और दक्षिण एशिया के ऊपर मानसून क्षेत्र में एरोसोल्स पूरे विश्व के चारों और वायु-संचरण को प्रभावित कर सकते हैं. 
प्रशांत तूफान ट्रैक ताप और नमी वहन करता है. ताप और नमी का अंतरण तूफान ट्रैक अनुप्रवाह के ऊपर ऊँचा उठा प्रतीत होता है, जो इस बात को रेखांकित करता है कि प्रशांत तूफान ट्रैक एशियाई वायु-प्रदूषण बहिर्वाह के कारण मजबूत हो गया है.
विकास की दृष्टि से चीन एशिया में सबसे आगे है, जिसका परिणाम उच्चतम वायु-प्रदूषण के रूप में सामने आया है. चीन के उत्तरी शहर सबसे प्रदूषित शहर हैं, क्योंकि अधिकतर विद्युत-संयंत्र और विनिर्माण-संयंत्र चीन के उत्तर में स्थित हैं. अध्ययन ने सूचित किया है कि 2013 में बीजिंग में वायु-गुणवत्ता मानकों का अनुपालन केवल 48 दिन ही किया जा सका.
एरोसोल के बारे में
एरोसोल वायु या अन्य गैसों में सूक्ष्म ठोस कणों या तरल बूँदों का एक कॉलॉइड होता है. एरोसोल्स के उदाहरणों में धुंध, धूल, विविक्त (पार्टिक्युलेट) वायु-प्रदूषक और धुआँ शामिल हैं.


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