टोरेंट फार्मा और एल्डर फार्मा के मध्य हुए सौदे को भारतीय स्पर्धा आयोग की मंजूरी-(17-APR-2013) C.A

| Thursday, April 17, 2014
भारतीय स्पर्धा आयोग (Competition Commission of India, सीसीआई) ने टोरेंट फार्मा (Torrent Pharmaceuticals) और एल्डर फार्मा (Elder Pharma) के मध्य हुए अधिग्रहण को अपनी मंजूरी 9 अप्रैल 2014 को प्रदान की. इसके तहत टोरेंट फार्मा ने भारत व नेपाल में एल्डर फार्मा के फॉर्मुलेशन बिजनेस का अधिग्रहण किया था. यह अधिग्रहण 2000 करोड़ रूपए में किया गया.
इस सौदे के तहत विमंस हेल्थकेयर, न्यूट्रास्युटिकल्स और दर्द व जख्म निवारण क्षेत्र में 30 ब्रांड्स का अधिग्रहण टोरेंट फार्मा द्वारा किया जाना है. इस सौदे के तहत उत्पादन के बारे में जानकारी और कारोबार से जुड़े बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) भी टोरेंट फार्मा को दिए जाने हैं.
 
भारतीय स्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपने निर्णय में कहा कि उपचारात्मक श्रेणी में दोनों कंपनियों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी इतनी अधिक नहीं है कि स्पर्धा पर किसी तरह का जोखिम हो. दोनों कंपनियां  (टोरेंट और एल्डर) जेनरिक दवाओं के उत्पादन और बिक्री से जुड़ी हुई हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रवेश अपेक्षाकृत आसान है. दवाओं के दाम का निर्धारण/देखरेख नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) द्वारा नियम-कानूनों के मुताबिक किया जाता है.

इस सौदे से लाभ 
इस सौदे से जेनरिक दवा निर्माता टोरेंट को एक तरफ नई कैटेगरी में प्रवेश का मौका मिलेगा, तो दूसरी तरफ उसे विमंस हेल्थकेयर व पेन मैनेजमेंट यानी दर्द निवारण जैसे सेगमेंट में विस्तार करने में भी मदद मिलेगी.
घटनाक्रम
टोरेंट फार्मास्युटिकल्स (Torrent Pharmaceuticals) ने भारत व नेपाल में एल्डर फार्मा के फॉर्मुलेशन बिजनेस का 13 दिसंबर 2013 को अधिग्रहण किया था. उसके बाद दोनों कंपनियों ने इस सौदे की मंजूरी हेतु भारतीय स्पर्धा आयोग के पास आवेदन किया.

आवेदन के जांचोपरांत सीसीआई ने दोनों कंपनियों से कुछ कमियों को हटाने और अतिरिक्त दस्तावेज सम्मलित करने का निर्देश दिया. इसके जबाब में दोनों कंपनियों ने सभी सम्बंधित दस्तावेज मुहैया करा दिया.


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