अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने धरती
के आकार के एक नए ग्रह ‘केपलर-186एफ’
के पता चलने की घोषणा अप्रैल 2014 के तीसरे
सप्ताह में की.
वैज्ञानिकों ने नासा के ‘केपलर स्पेस टेलीस्कोप’ के उपयोग से नए ग्रह ‘केपलर-186एफ’ की खोज की.
नासा के अनुसार पहली बार धरती के आकार के ग्रह का पता चला है. जहां पानी और जीवन के अनुकूल माहौल होने की काफी संभावना है.यह ग्रह पृथ्वी से पांच सौ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है.
नासा के अनुसार ‘केपलर-186एफ’ पृथ्वी के सौर मंडल से अलग, दूसरे सौर मंडल में अपने सूरज के चारों तरफ एक ऐसी कक्षा में परिक्रमा करता है जो इस ग्रह से मध्यम दूरी पर है. इसलिए इसकी सतह पर पानी का अस्तित्व होने की संभावना ज्यादा है.
नासा के अनुसार ‘केपलर-186एफ’ की खोज से इस बात की पुष्टि होती है कि हमारी धरती के आकार के ग्रहों का अस्तित्व हमारे सूरज की तरह के दूसरे तारों के आवासीय क्षेत्र में भी है.
वैज्ञानिकों ने नासा के ‘केपलर स्पेस टेलीस्कोप’ के उपयोग से नए ग्रह ‘केपलर-186एफ’ की खोज की.
नासा के अनुसार पहली बार धरती के आकार के ग्रह का पता चला है. जहां पानी और जीवन के अनुकूल माहौल होने की काफी संभावना है.यह ग्रह पृथ्वी से पांच सौ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है.
नासा के अनुसार ‘केपलर-186एफ’ पृथ्वी के सौर मंडल से अलग, दूसरे सौर मंडल में अपने सूरज के चारों तरफ एक ऐसी कक्षा में परिक्रमा करता है जो इस ग्रह से मध्यम दूरी पर है. इसलिए इसकी सतह पर पानी का अस्तित्व होने की संभावना ज्यादा है.
नासा के अनुसार ‘केपलर-186एफ’ की खोज से इस बात की पुष्टि होती है कि हमारी धरती के आकार के ग्रहों का अस्तित्व हमारे सूरज की तरह के दूसरे तारों के आवासीय क्षेत्र में भी है.
नासा के अनुसार अभी तक विभिन्न तारों के आवासीय क्षेत्र
में खोजे गए ग्रहों का आकार हमारी धरती से कम से कम 40 फीसद अधिक है जबकि केपलर-186एफ पृथ्वी के अधिक समान
है.
विदित हो कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने ही धरती के आकार के इस नए ग्रह को ‘केपलर-186एफ’ नाम दिया.
विदित हो कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने ही धरती के आकार के इस नए ग्रह को ‘केपलर-186एफ’ नाम दिया.
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