विदेश मंत्रालय ने सुरेश कुमार रेड्डी को 23 अप्रैल 2014 को पहले भारतीय राजदूत के रूप में
आसियान (ASEAN) में नियुक्त किया.
दक्षिण-पूर्व एशिया के राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’ (ASEAN) में नियुक्ति के पूर्व सुरेश कुमार रेड्डी इराक में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत थे.
दक्षिण-पूर्व एशिया के राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’ (ASEAN) में नियुक्ति के पूर्व सुरेश कुमार रेड्डी इराक में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत थे.
विदित हो कि भारत अपने ‘पूर्व
की ओर देखो’ नीति के तहत पिछले दो दशकों से ‘आसियान’ पे अपना ध्यान केन्द्रित किये हुए है. वहीं
वर्ष 2011 में भारत एवं ‘आसियान’
ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी हेतु 80 बिलियन
अमेरिकी डालर का व्यापार साझेदारी प्रारंभ की.
भारत ‘आसियान’ को अपने व्यापार प्रसार का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र मानता है. इसके साथ ही
साथ आसियान के साथ के द्विपक्षीय संबंध की मजबूती को भारत अपने सामरिक रणनीति के
नजरिये से भी काफी महत्व देता है, जिसमें विशेष कर म्यांमार
के साथ का बेहतर द्विपक्षीय संबंध भारत को उत्तर पूर्व में उग्रवादी की समस्या से
निपटने में काफी मददगार साबित हो सकता है.
भारत के पूर्वोत्तर राज्य ‘आसियान’
के लिए प्रवेश द्वार माने जाते है. जिनके माध्यम से भारत पूरे देश
को ‘आसियान’ के साथ संपर्क स्थापित
करने के पक्ष में है.
‘आसियान’ से संबंधित मुख्य तथ्य
‘आसियान’ से संबंधित मुख्य तथ्य
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन ‘आसियान’ (ASEAN) 10 दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों
का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा
देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने हेतु कार्य करते हैं. इसकी
स्थापना 8 अगस्त सन 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी.
वर्तमान में ‘आसियान’ का मुख्यालय
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है.
इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे. ब्रूनेई इस संगठन
में वर्ष 1984 में एवं वियतनाम वर्ष 1995में शामिल हुआ. वहीं वर्ष 1997 में लाओस और बर्मा इसके
सदस्य बने.
1994 में ‘आसियान’ ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एआरएफ) की स्थापना की. जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था. वर्तमान में अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित कुल 23 देश ‘एआरएफ’ के सदस्य हैं.
1994 में ‘आसियान’ ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एआरएफ) की स्थापना की. जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था. वर्तमान में अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित कुल 23 देश ‘एआरएफ’ के सदस्य हैं.
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