अमेरिका और जापान ने भारत के साथ मजबूत त्रिपक्षीय संबंध पर जोर देने के लिए संयुक्त वक्तव्य जारी किया-(27-APR-2013) C.A

| Sunday, April 27, 2014
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और जापान के प्रधानमंत्री शींजो एबे ने जापान के टोक्यो में एक संयुक्त वक्तव्य 25 अप्रैल 2014 को जारी किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा फिलहाल एशिया के चार देशों के दौरे पर हैं. इस तरह की यात्रा करने वाले वह अमेरिका के पाचवें राष्ट्रपति हैं.
   
इस संयुक्त वक्तव्य में अमेरिका और जापान भारत के साथ क्षेत्रीय से लेकर वैश्विक मुद्दों पर त्रिपक्षीय वार्ता को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया. भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया औऱ दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता को मजबूत बनाने का उद्देश्य एशियाप्रशांत क्षेत्र में शांति और आर्थिक संपन्नता लाना था.
दोनों देश निम्नलिखित क्षेत्रों में त्रिपक्षीय वार्ता को मजबूत बनाने को सहमत हुए हैं 
हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा. 
भारतप्रशांत आर्थिक संपर्क गलियारे का इस क्षेत्र में आने वाले देशों के साथ विकास ताकि क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत बनाया जा सके. 
मानवीय सहायत और आपदा राहत.
 
संयुक्त वक्तव्य की मुख्य बातें 
एशिया और विश्व भर में लंबे समय से और उभरती चुनौतियों के प्रबंध के लिए अमेरिकी जापान सहयोग आवश्यक है. 
इसमें महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने और विश्व में उनके सशक्तिकरण के लिए सक्रिए रुप से काम करने पर भी प्रकाश डाला गया. अमेरिका और जापान नई दिल्ली में यूएन विमेन सेफ सिटीज प्रोग्राम (UN Women Safe Cities Programme) का समर्थन कर रहे हैं. 
दिल्ली की पहल यूएन वूमेंस सेफ सिटीज फ्री ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वुमन ग्लोबल प्रोग्राम (UN Women's Safe Cities Free of Violence against Women global programme) का हिस्सा है. इसका उद्देश्य समुदायों, सेवा प्रदाताओं और सुरक्षा अधिकारियों के साथ रणनीतिक गठजोड़ के जरिए शहरी सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओ के साथ होने वाले यौन हिंसा पर रोक लगाना है. 
अमेरिका और जापान ईरान के परमाणु मुद्दे को सुलझाने, मध्य पूर्व में शांति प्रयासों का समर्थन, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में योगदान और सीरिया में स्थिति को सुधारने के लिए मिलकर काम करेंगें. इसमें इनके रासायनिक संचित भंडार को खत्म करना भी शामिल है. 
अमेरिका और जापान ने माना कि चीन इन मुद्दों से निपटने में अहम भूमिका निभा सकता है और दोनों ही देशों ने चीन के साथ उत्पादक और रचनात्मक संबंध बनाने के बारे में अपनी बात की पुनः पुष्टि की.


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