विश्व मलेरिया दिवस विश्वभर में मनाया गया-(30-APR-2013) C.A

| Wednesday, April 30, 2014
25 अप्रैल : विश्व मलेरिया दिवस

विश्वभर में विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) 25 अप्रैल 2014 को मनाया गया. यह दिवस मलेरिया निवारण और नियंत्रण के लिए सतत निवेश और राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता रेखांकित करने के लिए मनाया गया.
वर्ष 2014 और 2015 के लिए इसका विषय भविष्य में निवेश करें; मलेरिया को हराएं’ (Invest in the future. Defeat malaria) रखा गया. 

इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने देशों को मलेरिया-उन्मूलन की ओर अग्रसर होने की तकनीक, परिचालनगत और वित्तीय व्यवहार्यता का आकलन करने में मदद करने के लिए एक मैन्युअल जारी किया. 

नई गाइड 'मलेरिया-नियंत्रण से मलेरिया- उन्मूलन की ओर : उन्मूलन परिदृश्य के लिए आयोजना' देशों को कार्यक्रम के विस्तार और निधिकरण की उपलब्धता के आधार पर उन्मूलन की दिशा में अग्रसर होने के लिए  विभिन्न परिदृश्यों और समयावधियों के मूल्यांकन के लिए एक रूपरेखा उपलब्ध कराएगी.

वर्ष 2000 से विश्वभर में मलेरिया से होने वाली मृत्यु-दर में 42 प्रतिशत और डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्र में 49 प्रतिशत की कमी आई है.

विश्व मलेरिया दिवस 
विश्व मलेरिया दिवस वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य राष्ट्रों द्वारा शुरू किया गया था. यह दिवस प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित शीर्ष पांच देश हैं : नाइजीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र, मोजाम्बिक, बर्किना फासो और सियरा लियोन. 

भारत द्वारा वर्ष 2015 तक मलेरिया के मामलों में 50 से 75 प्रतिशत तक कमी लाए जाने की आशा है.

मलेरिया क्या है?  
मलेरिया एक मच्छरजन्य प्लासमोडियम परजीवी से उत्पन्न रोग है, जो रक्त-कोशिकाओं को संक्रमित करता है. इसका इलाज और रोकथाम की जा सकती है. मलेरिया के लिए अभी तक कोई टीका नहीं बना है और इसकी प्रतिरोध-क्षमता बार-बार के संक्रमण से प्राकृतिक रूप से घटित होती है. इसके आम लक्षण हंं बुखार, ठंड लगना, उल्टी होना, मिचली, बदन-दर्द, सिर-दर्द, खाँसी और दस्त.


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