अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 28 अप्रैल 2014
को रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के बेहद करीबी माने जाने वाले
7 रूसी अधिकारियों और 17 रूसी कंपनियों
पर प्रतिबंध लगा दिया.
अमेरिका ने इन प्रतिबंधित अधिकारियों और कंपनियों की संपत्तियां सीज कर दी तथा अधिकारियों के अमेरिकी वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया.
अमेरिका द्वारा यह कदम यूक्रेन में रूस की ओर से लगातार हस्तक्षेप और उकसाने वाली कार्रवाई करने के कारण उठाया गया. रूस की पुतिन सरकार पर यूक्रेन की एकता और संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने चेतावनी दी कि इस कार्रवाई के बाद आगे भी रूस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जे कार्नी के अनुसार, 'रूस की ओर से यूक्रेन में लगातार जारी गैरकानूनी हस्तक्षेप और वहां लोकतंत्र व उसकी शांति, सुरक्षा, स्थायित्व, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने के लिए भड़काऊ कार्रवाइयां करने के कारण अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाए हैं.'
विदित हो कि रूस द्वारा यूक्रेन में की जा रही ‘हस्तक्षेप एवं अतिक्रमण’ की कार्यवाही का अमेरिका लगातार विरोध कर रहा है तथा इसी मुद्दे को लेकर अमेरिका एवं रूस में तनाव बना हुआ है.
अमेरिका ने इन प्रतिबंधित अधिकारियों और कंपनियों की संपत्तियां सीज कर दी तथा अधिकारियों के अमेरिकी वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया.
अमेरिका द्वारा यह कदम यूक्रेन में रूस की ओर से लगातार हस्तक्षेप और उकसाने वाली कार्रवाई करने के कारण उठाया गया. रूस की पुतिन सरकार पर यूक्रेन की एकता और संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने चेतावनी दी कि इस कार्रवाई के बाद आगे भी रूस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जे कार्नी के अनुसार, 'रूस की ओर से यूक्रेन में लगातार जारी गैरकानूनी हस्तक्षेप और वहां लोकतंत्र व उसकी शांति, सुरक्षा, स्थायित्व, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने के लिए भड़काऊ कार्रवाइयां करने के कारण अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाए हैं.'
विदित हो कि रूस द्वारा यूक्रेन में की जा रही ‘हस्तक्षेप एवं अतिक्रमण’ की कार्यवाही का अमेरिका लगातार विरोध कर रहा है तथा इसी मुद्दे को लेकर अमेरिका एवं रूस में तनाव बना हुआ है.
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