ऑनलाइन कंपनी गूगल ने 14 अप्रैल 2014
को सोलर संचालित ड्रोन का निर्माण करने वाली कंपनी एरोस्पेस का
अधिग्रहण किया. गूगल ने ड्रोन निर्माता कंपनी का अधिग्रहण किया ताकि दुनिया के
सूदूर इलाकों में इंटरनेट सेवा मुहैया कराई जा सके और उससे जुड़ी समस्याओं का
समाधान भी कर सके.
इंटरनेट कंपनी गूगल के अनुसार, आपदा राहत औऱ पर्यावरण के नुकसान और ध्वनि एवं डाटा संचार में वायुमंडलीय
उपग्रहों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
टाइटन का अधिग्रहण गूगल के विभिन्न परियोजनाओं में कैसे
मदद करेगा?
• टाइटन के ड्रोन से
गूगल ग्रह भर के चित्रों को इक्ट्ठा कर सकेगा और गूगल अर्थ एंड मैप में इससे मदद
मिलेगी.
• यह गूगल की लून
परियोजना के लिए उपयोगी साबित हो सकता है जिसके लिए पहले कंपनी ने उच्च– एल्टीट्यूड वाले गुब्बारे वातावरण में भेजने का फैसला किया था ताकि पृथ्वी
के उन इलाकों को भी इंटरनेट से जोड़ा जा सके जो आज तक इस सुविधा के दायरे में नहीं
आ सके हैं. इसके अलावा यह गूगल द्वारा पिछले वर्ष अधिग्रहित कंपनी मकानी एयरब्रोन
विंड टरबाइन पावर कंपनी के साथ भी काम करेगा.
इससे पहले, फेसबुक
ने भी यूके की सोलर ड्रोन कंपनी एक्सेंटा का अधिग्रहण 20 मिलियन
डॉलर में किया था.
मोरियार्टी, न्यू
मैक्सिको स्थित टाइटऩ एरोस्पेस दो प्रकार के सौर ऊर्जा संचालित ड्रोन विकिसत करने
की प्रक्रिया में है. ये ड्रोन करीब पांच वर्ष तक उड़ने की क्षमता रखते हैं और
उम्मीद है कि इन ड्रोन का वाणिज्यिक संचालन 2015 से शुरु हो
जाएगा.
साल 2014
में गूगल द्वारा किए गए महत्वपूर्ण विलय और अधिग्रहण
• 12 मार्च 2014 को ग्रीन थ्रॉटल नाम की गैजेट्स कंपनी
• 21 फरवरी 2014 को गैर विज्ञापन– धोखाधड़ी फर्म स्पाइडर आईओ
• 16 फरवरी 2014 को स्लिकलॉगिन और इंटरनेट सिक्योरिटी कंपनी
• 26 जनवरी 2014 कृत्रिम खुफिया कंपनी डीपमाइंड टेक्नोलॉजिज
• 15 जनवरी 2014 को इंटरनेट सिक्योरिटी कंपनी इंपरमियम
0 comments:
Post a Comment