वर्ष 1982 में साहित्य के
नोबेल पुरस्कार विजेता एवं स्पैनिश भाषा के लेखक गैब्रियल गार्सिया मारकेज (Gabriel
Garcia Marquez) का मेक्सिको सिटी में 18 अप्रैल
2014 को निधन हो गया. वह 87 वर्ष के
थे. गैब्रियल गार्सिया मारकेज ने अपने उपन्यासों और लघु कथाओं के माध्यम से
अंधविश्वास, हिंसा और असमानता के खिलाफ लोगों का ध्यान
आकृष्ट कराया था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज को मार्क ट्वेन और चॉर्ल्स डिकेन्स
के समकक्ष का रचनाकार माना जाता है. गार्सिया मारकेज 17वीं सदी में मिग्यूएल दा कारवांतेस के बाद स्पैनिश भाषा के सर्वाधिक
लोकप्रिय लेखक थे. इनका जन्म 6 मार्च 1928 कोलंबिया में हुआ था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज ने वर्ष 1950 में रोम और पेरिस में स्पेक्टेटर के संवाददाता के तौर पर भी काम किया था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज को ‘गाबो’ के नाम से भी जाना जाता था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की प्रमुख रचनाएं
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की प्रमुख रचनाओं में ‘क्रानिकल्स ऑफ़ ए डैथ फोरटोल्ड’, ‘लव इन दी टाइम ऑफ़ कोलरा’, ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’ तथा ‘आटम ऑफ़ दी पैट्रिआर्क’ शामिल हैं.
वर्ष 1967 में लिखित उपन्यास ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’ (One Hundred Years of Solitude) की 25 से अधिक भाषाओं में पांच करोड़ से अधिक प्रतियां बिकी थीं. उनकी इसी रचना के लिए (‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’) वर्ष 1982 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की कहानियों में ऐसा तिलिस्मी ताना बाना होता था कि उन्होंने मारकेज को लोक कथाओं की तरह घर घर का नाम बना दिया.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की कहानियों में सूअर की पूंछ के साथ पैदा हुआ बच्चा और पीली तितलियों के झुंड से घिरे नायक आदि की अनोखी बातें होती थीं.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की कथा ‘हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’ के पहले वाक्य को अभी तक की सर्वाधिक लोकप्रिय प्रथम पंक्ति माना जाता है जो इस प्रकार है , ‘कई साल बाद, जब उसका सामना फायरिंग स्क्वैड से हुआ, कर्नल आर्लियानो ब्यूंदिया को एक दोपहर की वह घटना याद आई जब उसके पिता उसे बर्फ की खोज के लिए ले गए थे.’
गैब्रियल गार्सिया मारकेज ने जब 1982 में नोबेल पुरस्कार ग्रहण किया था तो उन्होंने लातिन अमेरिका के बारे में कहा था, अतृप्त सृजनात्मकता का स्रोत, दुखों और सौंदर्य से भरा हुआ है जिसमें यह घुमक्कड़ कोलंबियाई एक बेहद तुच्छ जीव है जिसे भविष्य ने चुना है.’
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की क्यूबाई नेता फिदेल कास्त्रो से दोस्ती को लेकर लातिन अमेरिका के साहित्यिक और राजनैतिक क्षेत्रों में विवाद भी रहा. परन्तु लेखक के अनुसार उनकी दोस्ती का आधार किताबें थीं.
नोबेल विजेता कवि पाब्लो नेरूदा ने उनके उपन्यास ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सोलिट्यूड’ को ‘डान क्विकजोट’ के बाद की महानतम रचना बताया था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज ने वर्ष 1950 में रोम और पेरिस में स्पेक्टेटर के संवाददाता के तौर पर भी काम किया था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज को ‘गाबो’ के नाम से भी जाना जाता था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की प्रमुख रचनाएं
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की प्रमुख रचनाओं में ‘क्रानिकल्स ऑफ़ ए डैथ फोरटोल्ड’, ‘लव इन दी टाइम ऑफ़ कोलरा’, ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’ तथा ‘आटम ऑफ़ दी पैट्रिआर्क’ शामिल हैं.
वर्ष 1967 में लिखित उपन्यास ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’ (One Hundred Years of Solitude) की 25 से अधिक भाषाओं में पांच करोड़ से अधिक प्रतियां बिकी थीं. उनकी इसी रचना के लिए (‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’) वर्ष 1982 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की कहानियों में ऐसा तिलिस्मी ताना बाना होता था कि उन्होंने मारकेज को लोक कथाओं की तरह घर घर का नाम बना दिया.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की कहानियों में सूअर की पूंछ के साथ पैदा हुआ बच्चा और पीली तितलियों के झुंड से घिरे नायक आदि की अनोखी बातें होती थीं.
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की कथा ‘हंड्रेड ईयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड’ के पहले वाक्य को अभी तक की सर्वाधिक लोकप्रिय प्रथम पंक्ति माना जाता है जो इस प्रकार है , ‘कई साल बाद, जब उसका सामना फायरिंग स्क्वैड से हुआ, कर्नल आर्लियानो ब्यूंदिया को एक दोपहर की वह घटना याद आई जब उसके पिता उसे बर्फ की खोज के लिए ले गए थे.’
गैब्रियल गार्सिया मारकेज ने जब 1982 में नोबेल पुरस्कार ग्रहण किया था तो उन्होंने लातिन अमेरिका के बारे में कहा था, अतृप्त सृजनात्मकता का स्रोत, दुखों और सौंदर्य से भरा हुआ है जिसमें यह घुमक्कड़ कोलंबियाई एक बेहद तुच्छ जीव है जिसे भविष्य ने चुना है.’
गैब्रियल गार्सिया मारकेज की क्यूबाई नेता फिदेल कास्त्रो से दोस्ती को लेकर लातिन अमेरिका के साहित्यिक और राजनैतिक क्षेत्रों में विवाद भी रहा. परन्तु लेखक के अनुसार उनकी दोस्ती का आधार किताबें थीं.
नोबेल विजेता कवि पाब्लो नेरूदा ने उनके उपन्यास ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सोलिट्यूड’ को ‘डान क्विकजोट’ के बाद की महानतम रचना बताया था.
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