नासा के अपोलो प्रोग्राम के गुमनाम नायक जॉन सी. होबॉल्ट
का पार्किंसंस रोग से पैदा हुई जटिलाताओं के बाद 20 अप्रैल 2014
को निधन हो गया. वे 95 वर्ष के थे. वे अपोलो
प्रोग्राम में इंजीनियर थे. 1969 में चांद पर उतरने के
नासा के सफल अभियान वाले अमेरिकी अंतरिक्ष प्रोग्राम में उनका योगदान बहुत
महत्वपूर्ण था.
अमेरिका के विज्ञान और इंजीनियरिंग सिद्धांत के प्रति
प्रतिबद्धता हासिल करने में होबॉल्ट एक उत्प्रेक थे जिसने अंततः अपोलो के चालक दल
को सुरक्षित चांद पर उतरने और फिर वापस लाने में मदद की.
साठ के दशक की शुरुआत में नासा को पृथ्वी से रॉकेट या
अंतरिक्ष यान से ग्रह की परिक्रमा की जगह चंद्रमा की कक्षा में चालक दल के क्रू को
भेजने के लिए राजी करने के उनके प्रयासों को काफी हद तक श्रेय जाता है.
अपोलो प्रोग्राम के बारे
में
इसे प्रोजेक्ट अपोलो भी कहा जाता है. यह नेशनल
एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और यूनाइटेड स्टेट्स सिविलियन स्पेस
एजेंसी का तीसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम था. यह प्रोग्राम साल 1969
में पृथ्वी के चंद्रमा पर पहली बार मनुष्यों के उतरने के लिए
जिम्मेदार था.
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