टोक्यो को वर्ष 2020 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की
मेजबानी का अधिकार 7 सितम्बर 2013 को प्रदान किया गया. इससे पहले वर्ष 1964 में टोक्यो ने ओलंपिक खेलों की
मेजबानी की थी.
आर्जन्टिना की राजधानी ब्यूनेस
आयरस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आईओसी की बैठक में मेज़बान शहर का चुनाव
गुप्त मतदान से हुआ. दूसरे दौर में मुकाबला टोक्यो और इस्तांबुल के बीच था जिसे
टोक्यो ने 60-36 से जीता. इससे पहले मैड्रिड पहले दौर की वोटिंग में ही बाहर हो गया
था. आईओसी के अध्यक्ष ज़ाक रोग ने टोक्यो का नाम घोषित किया.
इससे पहले ओलंपिक खेलों के आयोजन
की दौड़ में शामिल तीनों शहर-इस्तांबुल, मैड्रिड और टोक्यो ने अपनी-अपनी
दावेदारी पेश की थी.
टोक्यो और ओलंपिक खेलों से
संबंधित प्रमुख तथ्य
• यह दूसरा मौका है जब टोक्यो
द्वारा ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की जानी है. इससे पहले वर्ष 1964 में टोक्यो ने ओलंपिक खेलों की
मेजबानी की थी.
• टोक्यो पहला एशियाई शहर है जिसे दूसरी बार ओलंपिक खेल आयोजित करने का मौका मिला है. हालांकि इससे पहले टोक्यो को वर्ष 1940 में भी खेलों की मेज़बानी मिली थी लेकिन वो खेल दूसरे विश्व युद्ध की वजह से रद्द हो गए थे.
• टोक्यो पहला एशियाई शहर है जिसे दूसरी बार ओलंपिक खेल आयोजित करने का मौका मिला है. हालांकि इससे पहले टोक्यो को वर्ष 1940 में भी खेलों की मेज़बानी मिली थी लेकिन वो खेल दूसरे विश्व युद्ध की वजह से रद्द हो गए थे.
विदित हो कि टोक्यो की दावेदारी
पेश करते हुए जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने कहा था कि राजधानी से 150 मील दूर स्थित फ़ुकुशिमा परमाणु
संयंत्र से टोक्यो में खेलों के आयोजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वर्ष 2011 में आए भूकंप और सुनामी से
प्रभावित इस संयंत्र से रिसाव हो रहा था जिसके चलते टोक्यो की सुरक्षा के बारे में
चिंताएं थीं.
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