बीस प्रमुख देशों के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों
के संगठन जी20 (समूह-20) का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 05 व 06 सितंबर 2013 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में
आयोजित किया गया. शिखर सम्मेलन में देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. भारत की
ओर से जिन प्रमुख लोगों में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया उनमें प्रमुख हैं- प्रधानमंत्री, मनमोहन सिंह; योजना आयोग के
उपाध्यक्ष, मोंटेक सिंह अहलूवालिया; विदेश सचिव, सैयद अकबरूद्दीन; आदि.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जी20 शिखर सम्मेलन से लौटते समय कहा, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर जी-20 सम्मेलन अच्छी पद्धतियों के बारे में एक निबंध की तरह है जिसका हमें
अनुशीलन करना है. नेताओं की घोषणा और कार्य योजना में हमारे इन विचारों को शामिल
किया गया है कि विश्व की अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में नहीं है, और उन सभी देशों को
विकास प्रक्रिया बहाल करने के लिए एकजुट होकर प्रयास अवश्य करने होंगे, जिनकी अर्थव्यवस्थाएं
वैश्विक मामलों के कारण प्रभावित हुई हैं. लोस काबोस में हमने इस बात पर विशेष जोर
दिया है कि बुनियादी ढांचा विकास एक ऐसा विषय है, जो आर्थिक वृद्धि और विकास प्रक्रिया
में तेजी लाने में योगदान कर सकता है. सम्मेलन की कार्य योजना और विश्व बैंक के
अध्यक्ष द्वारा व्यक्त किए गए विचारों में हमारे दृष्टिकोण की पुष्टि हुई है और यही वजह
है कि विश्व बुनियादी ढांचा वित्तीय सुविधा की दिशा में सोचा जा रहा है. अगर ऐसा
होता है तो इससे हमें बड़ी मदद मिलेगी.”
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जापान के
प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से भी मुलाकात की.
जी20 शिखर सम्मेलन 05 व 06 सितंबर 2013 से संबंधित तथ्य
• ब्रिक्स नेताओं के साथ 100 अरब डॉलर के करंसी रिजर्व समझौता.
• ब्रिक्स बैंक की स्थापना की दिशा में भी
प्रगति हुई और ब्रिक्स की अगली बैठक में इस बारे में ठोस प्रस्ताव पेश किया जाना
है.
• भारत – जापान मुद्रा विनिमय (करेंसी स्वैप, Currency Swap) समझौते की सीमा 15 अरब डॉलर से बढा कर 50 अरब डॉलर करने के बारे में सहमति हुई.
• भारत व जापान दोनों देशों की सरकारों ने
भारत में स्थिर और लंबी अवधि के पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय और
निवेश के क्षेत्रों में निरंतर सुधार के महत्व को भी दोहराया.
जी20 (G-20)
जी20 विश्व के बीस देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के
गर्वनरों का एक संगठन है, जिसमें 19 देश तथा यूरोपीय संघ शामिल हैं. यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय
परिषद के अध्यक्ष तथा यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है. जी20 की सभी
अर्थव्यवस्थायें मिलकर सकल वैश्विक उत्पाद (Global World Product, GWP) का 80 फीसदी योगदान करती
हैं.
जी20 का प्रस्ताव कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री
पॉल मार्टिन ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संबंधित मामलों के लिए सहयोग एवं
सुझाव मंच के रूप की थी. इस संगठन का औपचारिक आरंभ सितंबर 1999 मे किया गया था. पहली
बैठक दिसंबर 1999 में हुई थी.
• ब्रिक्स बैंक की स्थापना की दिशा में भी प्रगति हुई और ब्रिक्स की अगली बैठक में इस बारे में ठोस प्रस्ताव पेश किया जाना है.
• भारत – जापान मुद्रा विनिमय (करेंसी स्वैप, Currency Swap) समझौते की सीमा 15 अरब डॉलर से बढा कर 50 अरब डॉलर करने के बारे में सहमति हुई.
• भारत व जापान दोनों देशों की सरकारों ने भारत में स्थिर और लंबी अवधि के पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय और निवेश के क्षेत्रों में निरंतर सुधार के महत्व को भी दोहराया.
जी20 (G-20)
जी20 का प्रस्ताव कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पॉल मार्टिन ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संबंधित मामलों के लिए सहयोग एवं सुझाव मंच के रूप की थी. इस संगठन का औपचारिक आरंभ सितंबर 1999 मे किया गया था. पहली बैठक दिसंबर 1999 में हुई थी.
खंड
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सदस्य
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अफ़्रीका
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दक्षिण अफ़्रीका
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उत्तर
अमेरिका |
कनाडा
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मेक्सिको
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संयुक्त राज्य
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दक्षिण
अमेरिका |
अर्जेण्टीना
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ब्राज़ील
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पूर्व
एशिया
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चीन
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जापान
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दक्षिण कोरिया
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दक्षिण
एशिया
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भारत
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पूर्व
एशिया
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इंडोनेशिया
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मध्यपूर्व
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सउदी अरब
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यूरेशिया
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रूस
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तुर्की
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यूरोप
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यूरोपीय संघ
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फ़्रान्स
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जर्मनी
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इटली
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संयुक्त राजशाही
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ओशनिया
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ऑस्ट्रेलिया
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When: 05 व 06 सितंबर 2013
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