भारत के नियंत्रक और महालेखा
परीक्षक की ओर से 16 सितंबर 2013 को उत्तर प्रदेश विधानसभा में
यूपी विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल, UP Power Corporation Limited,
UPPCL) के बारे
में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस रिपोर्ट मे कहा गया है कि वर्ष 2011-12 के दौरान 2010-11 की तुलना में ग्रामीण रोजगार की
उपलब्धता 14.54 प्रतिशत कम हुई.
साथ ही, सीएजी ने यूपीपीसीएल के बारे
प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश राज्य में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार
गारंटी योजना (मनरेगा, Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee, MNREGA) के क्रियान्वयन में खामियों का भी
उल्लेख किया है.
इसके अतिरिक्त सीएजी ने अपनी
रिपोर्ट में मनरेगा के अंगतर्गत जल संभरण एवं जल संरक्षण से संबंधित योजनाओं को कम
प्राथमिकता देने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
उत्तर प्रदेश राज्य में मनरेगा से
संबंधित एक अन्य खामी का उल्लेख करते हुए सीएजी ने अपनी प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा
है कि आलोच्य वर्ष के दौरान घर-घर जाकर लाभार्थियों के सत्यापन से उनकी पहचान करने
के बजाय आवेदनों के आधार पर जॉब कार्ड दिये गये। इससे इस कार्यक्रम के तहत केवल १८
से २२ प्रतिशत महिलाओं को काम मिला, जबकि लक्ष्य ३३ प्रतिशत का था।
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