कम्प्यूटरों का परिचय-(09-sep-2013) G.K

| Monday, September 9, 2013
                                            कम्प्यूटरों का परिचय

·         कम्प्यूटर एक डाटा प्रोसेसिंग उपकरण होता है जो पढ़ व लिख सकता है, गणना और तुलना कर सकता है, डाटा की भारी मात्रा को उच्च गति, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ स्टोर व प्रोसेस कर सकता है।
·         यह दिए हुए निर्देशों पर कार्य करता है।
·         एक बार डाटा और निर्देशों का समुच्चय (स्द्गह्ल) इसकी मेमोरी में फीड कर दिया जाता है तो यह निर्देशों का अनुपालन करता है, डाटा पर निर्देशानुसार कार्य करता है और परिणाम देता है।
·         इसकी कार्यप्रणाली स्वचालित होती है।
·         यह इलेक्ट्रॉनिक अवयवों का प्रयोग करता है; ट्रांजिस्टर, रेजिस्टर, डायोड और सर्किट।
इनपुट (Input)
डाटा को इकठ्ठा करके कम्प्यूटर में डाला जाता है। इसे इनपुट प्रोसेस कहते हैं।
भंडारण (Storage) 
जो भी डाटा कम्प्यूटर के अंदर पहुँचता है वह उसकी मेमोरी में स्टोर हो जाता है जिसे कम्प्यूटर की फिजि़कल मेमोरी (Physical Memory) कहते हैं। फिजि़कल मेमोरी की एक सहायक मेमोरी ऑक्ज़ीलरी मेमोरी (auxilary memory) भी होती है।

प्रोसेसिंग (Processing)
कम्प्यूटर की फिजि़कल मेमोरी में स्टोर डाटा पर इच्छित परिणाम पाने के लिए कार्य किया जाता है, जिसे प्रोसेसिंग कहते हैं। परिणाम फिर से फिजि़कल मेमोरी में स्टोर हो जाते हैं।

आउटपुट (output)
फिजि़कल मेमोरी से स्टोर डाटा को निकालने की प्रक्रिया को आउटपुट कहते हैं।

कम्प्यूटर का आर्किटेक्चर (Architecture Of Computer)
किसी भी पारम्परिक कम्प्यूटर के निम्नलिखित अवयव होते हैं-
इनपुट उपकरण (Input device) 
इस उपकरण का उपयोग मनुष्य से मशीन के बीच सँचार के लिए किया जाता है। जिस डाटा की कम्प्यूटर में प्रोसेसिंग की जानी है उसे इसी उपकरण के द्वारा डाला जाता है, उदाहरणस्वरूप की-बोर्ड, ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर, मार्क रीडर, मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर।

आउटपुट उपकरण (Output Device)
इस उपकरण का प्रयोग मशीन से मनुष्य के बीच संचार के लिए किया जाता है। प्रोसेस्ड परिणामों को इन उपकरणों के द्वारा कम्प्यूटर प्रणाली से निकाला जाता है, उदाहरणस्वरूप, वीडियो डिस्प्ले यूनिट, प्रिंटर्स, प्लॉटर्स इत्यादि।

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit)
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कम्प्यूटर के सभी ऑपरेशनों का समन्वय एवँ संगठन करके सम्पूर्ण प्रणाली को नियंत्रित करती है। यह की-बोर्ड जैसे विभिन्न इनपुट उपकरणों द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करती है और प्रिंटर जैसे विभिन्न पैरीफेरल उपकरणों के लिए आउटपुट का इंतजाम करती है। यह प्राइमरी स्टोरेज में स्टोर निर्देशों को लाने के लिए जिम्मेदार होती है, उनकी व्याख्या करती है और उन सभी हार्डवेयर यूनिटों को निर्देश जारी करती है जो उन निर्देशों पर कार्य करने के लिए उत्तरदायी होते हैं।

ए एल यू (ALU)
यह उपकरण कम्प्यूटर की सभी गणितीय और तार्किक ऑपरेशनों को करने के लिए जिम्मेवार होता है। गणितीय ऑपरेशनों का प्रयोग सँख्याओं की तुलना और 'लेस दैन' ( Less Than), 'इक्वल टू' (Equal to) और 'ग्रेटर देन' (Greater than) इत्यादि निरूपित करने में किया जाता है। ए एल यू टेक्स्ट व सँख्याओं दोनों को ही सँभाल सकता है। कभी-कभी कम्प्यूटर में गणितीय को- प्रोसेसर लगा होता है जो कि दूसरा माइक्रोप्रोसेसर होता है जो गणितीय कार्य के लिए ही    होता है। को-प्रोसेसर का मुख्य लाभ गणना की बढ़ी हुई गति होती है।

मेमोरी यूनिट (Memory unit)
इसका प्रयोग डाटा और प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए किया जाता है। सम्पूर्ण मेमोरी को दो भागों में बाँटा जाता है। एक भाग में भारी सँख्या में लेबल्ड बॉक्स होते हैं- इसका अर्थ है एक बॉक्स प्रति डाटा आइटम। दूसरा भाग विधि-विशेष (Algorithm) को स्टोर करता है। मेमोरी के बॉक्स में स्थित डेटम (Datum) को बॉक्स के नाम अथवा लेबल से निर्दिष्टï करने पर प्राप्त किया जा सकता है। जब किसी डेटम का प्रयोग बॉक्स से किया जाता है तो ऐसे में डेटम की एक कॉपी का ही प्रयोग किया जाता है, वास्तविक डेटम नष्टï नहीं होता है। जब किसी डेटम को मेमोरी में लिखते हैं तो यह एक विशेष बॉक्स में स्टोर हो जाता है और बॉक्स की पुरानी विषयवस्तु नष्टï हो जाती है।


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