निर्वाचन आयोग ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए बहु-एजेंसी ग्रिड स्थापित किया-(14-MAR-2014) C.A

| Friday, March 14, 2014
निर्वाचन आयोग ने राजस्व और सुरक्षा गुप्तचर एजेंसियों के एक बहु-एजेंसी ग्रिड की स्थापना 11 मार्च 2014 को की. इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों में काले धन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाना है. गुप्तचर एजेंसी निर्वाचन आयोग को संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों के बारे में नियमित रूप से सूचना देगी.
निर्वाचन आयोग ने अपनी तरह के प्रथम पहल में दस वित्तीय और सुरक्षा गुप्तचर विभागों से लिए गए वरिष्ठ अधिकारियों का एक बोर्ड गठित किया था.
  
इन गुप्तचर एजेंसियों में आयकर आसूचना और अन्वेषण, वित्तीय आसूचना यूनिट (एफआईयू), राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो, नार्कोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो और एसएसबी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और रेलवे सुरक्षा बल जैसी सुरक्षा-एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं.
 
बोर्ड कॉमन लीड्स जेनरेट करने और संदिग्ध धन के मामलों की जानकारी देने के लिए निर्वाचन सदन में हफ्ते में दो बार बैठक किया करेगा.
निर्वाचन आयोग 
भारत का निर्वाचन आयोग एक स्थायी संवैधानिक निकाय है. निर्वाचन आयोग संविधान के अनुसार 25 जनवरी 1950 को गठित किया गया था. 

भारत के संविधान ने भारत के निर्वाचन आयोग को संसद और प्रत्येक राज्य की विधानसभा तथा राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनाव के संचालन की पूरी प्रक्रिया के पर्यवेक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का कार्य सौंपा है.  

आयोग ने 2001 में अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी. मूल रूप से आयोग में केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त था. इस समय इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त हैं.


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