इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने 17 मार्च 2014
को 30,000 करोड़ रुपये की लागत से गुजरात के
मुंद्रा में एक रिफाइनरी बनाने की घोषणा की. इस रिफाइनरी की क्षमता 15 मिलियन टन की होगी. संयंत्र का 2021–22 तक बन कर
तैयार हो जाने की उम्मीद है. अदानी समूह ने इस रिफाइनरी के लिए जमीन देने की पेशकश
आईओसी से की है.
आईओसी की योजना अपनी रिफाइनरी की क्षमता को 2021–22
तक 100 मिलियन टन करने की है.
आईओसी की कुल क्षमता सात रिफाइनरियों के
साथ 54.2 मिलियन टन है और इसकी सहायक कंपनी
चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्प 11.5 मिलियन टन संयंत्र संचालित
करता है.
31 मार्च 2017 को
खत्म हो रही 12वीं पंचवर्षीय योजना में आईओसी की योजना 56200
करोड़ रुपये निवेश करने की है. योजना के
मुताबिक रिफाइनरी की क्षमता के विस्तार के लिए 27159 करोड़
रुपये अलग रखा गया है.
इसके अलावा, आईओसी की
योजना अपनी कुछ रिफाइनरी का विस्तार कर अपनी क्षमता 100 मिलिन
टन करने की है.
• गुजरात का कोयली
रिफाइनरी की क्षमता 13.7 मिलियन टन क्षमता है और 4858
करोड़ रुपयों के लागत के साथ इसकी क्षमता को 18 मिलियन टन तक बढ़ाया जाएगा.
• 8 मिलिन टन की क्षमता
वाले मथुरा संयंत्र को शायद 11 मिलियन टन की क्षमता का बनाया
जाएगा.
• पानीपत संयंत्र को 15
मिलियन टन से 18 या 21 मिलियन
टन की क्षमता किया जाए या नहीं इस पर विचार किया जाएगा.
•
ओडीशा के पारादीप के 15 मिलियन टन
क्षमता वाला निर्माणाधीन रिफाइनरी की क्षमता को 20 मिलियन टन
तक बढाया जा सकता है.
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