सर्वोच्च न्यायालय ने 14 मार्च 2014
को मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी नोकिया की अपनी संपत्ति बेचने पर
लगी रोक को हटाने से संबंधित याचिका को अस्वीकार कर दिया. नोकिया को माइक्रोसॉफ्ट
के साथ हुए अपने वैश्विक सौदे के अनुसार भारत में स्थित अपनी संपत्तियां
माइक्रोसॉफ्ट को हस्तांतरित करनी है.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एआर दवे तथा
न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह की खण्डपीठ ने यह निर्णय दिया. नोकिया ने अपनी याचिका
में अनुरोध किया था कि माइक्रोसॉफ्ट से हुए समझौते के तहत आयकर विभाग को यह नोटिस
दिया जाय कि वह नोकिया के चेन्नई स्थित कारखाने के हस्तांतरण पर लगायी गयी रोक हटा
ले.
क्या है मामला?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नोकिया के द्वारा उसकी संपत्तियां बेचे जाने
को लेकर यह कहते हुए रोक लगायी थी कि पहले नोकिया अपने बकाया कर से जुड़े नियमों
के पालन हेतु शपथ पत्र दे. इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय ने नोकिया की
प्रवर्तक और फिनलैंड स्थित कंपनी नोकिया को निर्देश जारी किये थे. नोकिया ने इसी
आदेश के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
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