केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दर्द निवारक दवा एनालजिन पर से प्रतिबंध हटाया-(22-MAR-2014) C.A

| Saturday, March 22, 2014
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दर्द निवारक और ज्वरनाशक दवा एनालजिन पर लगा प्रतिबंध 19 मार्च 2014 को हटा लिया. यह दवा बहुत अधिक दर्द होने या ट्यूमर की वजह से होने वाले दर्द और जब दूसरे ज्वरनाशक दवाइयां बुखार कम करने में नाकाम हो जाएं तब दी जाती थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा कंपनियों को इसे फिर से बाजार में लाने की अनुमति प्रदान की.

इस उत्पाद को बेचने वाली कंपनियों को अपने पैकेज और दवा के प्रचार में इसके इस्तेमाल संबंधी चेतावनी को बताना होगा. 

संसद की स्थायी समिति द्वारा की जाने वाली आलोचना के बाद मंत्रालय ने जून 2013 में इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया था. समिति ने कहा था कि यह दवा दुनिया के अधिकांश देशों में प्रतिबंधित है इसलिए इसके भारत में उपयोग पर फिर से गौर किया जाना चाहिए.

इस दवा का अग्रानुलोसाइटोसिस (agranulocytosis) नामक दुष्प्रभाव होता है जिससे मानव के शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं का बनना कम हो जाता है, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और एक समय के बाद यह काफी घातक साबित हो सकता है.
इस दवा पर प्रतिबंध ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने लगाया था. एडवाइजरी बोर्ड ने कहा है कि एनालजिन उपचार की अवधि कुछ दिनों के लिए होता है और इसी वजह से इस दवा का इस्तेमाल निर्धारित संकेत के आधार पर जारी रखा जा सकता है. ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में तकनीकी मामलों पर फैसला करने वाली सर्वोच्च निर्णायक संस्था है. 

एनालजिन विश्व के ज्यादातर हिस्सों में प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल है. इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, स्वीडन और फ्रांस जैसे देश शामिल हैं. नाईजीरिया और नेपाल जैसे कुछ विकासशील देशों में भी यह दवा प्रतिबंधित है.


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