खगोलविदों ने मार्च 2014 के
चौथे सप्ताह में हमारे सौरमंडल में विद्यमान काइपर बेल्ट में शनि और यूरेनस ग्रहों
के बीच बर्फ और कंकड़ से बने छल्लों वाले लघु ग्रह ‘चारकिलो’
की खोज की. यह खोज नील्स बोह्र इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं की एक टीम
ने की. शनि और वृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों की तरह छ्ल्लों वाले कोई आकाशीय पिंड
पहली बार खगोलविदों को मिला है.
खोजे गए आकाशीय पिंड के छल्ले कुछ सौ मीटर मोटे और सिर्फ
तीन और सात किलोमीटर चौड़े हैं. दोनों छल्लों के केंद्र 14 किलोमीटर और दोनों के बीच की दूरी 9 किलोमीटर है.
सौर मंडल से यह दो अरब किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
लघु ग्रह चारकिलो की खोज चिलि के ला सिला वेधशाला में
डेनिश दूरबीन में इस्तेमाल किए गए नए कैमरे की मदद से हुई है. हालांकि यह लघु ग्रह
कई वर्षों से ज्ञात था लेकिन इसके छल्ले कभी नहीं देखे गए. नए कैमरे को नील्स
बोह्र इंस्टीट्यूट में विकसित किया गया है.
चारकिलो ग्रह काइपर बेल्ट में स्थित है लेकिन कुछ
बिन्दुओं पर यह इस बेल्ट से बाहर निकाल दिया जाता है और खोज के समय यह छोटी
वस्तुओं के संग्रह सेंटोर में शनि और वृहस्पति ग्रह के बीच स्थित था. 250
किलोमीटर के व्यास वाले सभी वस्तुओँ में चारकिलो सबसे बड़ा है.
काइपर बेल्ट
काइपर बेल्ट सौरमंडल के किनारे पर नेपच्यून से परे कक्षा
में हजारों बौने ग्रहों और धूमकेतुओं से बनमीं एक वृत्ताकार बेल्ट है.
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